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सुनीता राय
कमलेश यादव सेना में नौकरी करता था। 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह गांव चला आया। फिर उसने सूद का काम शुरू किया। इससे रुपये आने के बाद उसने रसूख के दम पर 2013 में सरकारी सीलिंग की जमीन को बेचने का काम शुरू कर दिया था।
भू-माफिया कमलेश यादव की बेनामी संपत्ति पर अब पुलिस की नजर गड़ गई है। पुलिस को जानकारी मिली है कि लोगों से ठगी कर कमलेश ने जो धन अर्जित किया, उससे एक आईटीआई और एक डिग्री कॉलेज का मालिक बन बैठा।
इतना ही नहीं वर्तमान में वह बाराबंकी में आलीशान होटल का निर्माण भी करवा रहा है। अब एक सैनिक की पत्नी की शिकायत के बाद कमलेश जेल में कैद हो गया है तो उसकी अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्ति का ब्योरा पुलिस ने जुटाना शुरू कर दिया है।
पुलिस की जांच में उसके अलावा उसके साथी दीनानाथ की संपत्ति भी सामने आ गई है। पता चला है कि पहले उसके पास साधारण जूते-चप्पल की दुकान थी, अब वह गेस्ट हाउस और एक ऑटो एजेंसी का संचालक हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, कमलेश यादव सेना में नौकरी करता था। 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह गांव चला आया। फिर उसने सूद का काम शुरू किया। इससे रुपये आने के बाद उसने रसूख के दम पर 2013 में सरकारी सीलिंग की जमीन को बेचने का काम शुरू कर दिया था। इसी धंधे के आरोपी दीनानाथ के साथ मिलकर वह लोगों को जमीन बेच देता था। क्योंकि उस समय गांव चकबंदी में था, इस वजह से दाखिल-खारिज का कागज हाथ से बनता था।