किन्नर चांदनी से फर्जी ओएसडी बना चंदन ठग, अखबार से जुटाता था विवादित जानकारी आरोपी चंदन अपने साथ कई लोगों को जोड़े हुए है

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

आरोपी चंदन अपने साथ कई लोगों को जोड़े हुए है। ये लोग तहसील, पुलिस मुख्यालय के पास घूमते हैं और उसे विवादित मामलों की जानकारी देते थे। इसके अलावा वह अखबार की खबरों से भी विवादित मामलों की जानकारी जुटाता था।

सीएम का ओएसडी बनकर ठगी करने वाला चंदन के कई नाम के प्रमाण और परिचय पत्र बरामद हुए हैं। वह चार तरह की आवाजों में बातें करता था। यही नहीं कई तरह से ठगी भी करता था। 20 साल पहले वह किन्नर बनकर ट्रेन में यात्रियों से पैसे वसूलता था। धीरे-धीरे ठगी के तरीके बदलते हुए अब बड़े हाथ साफ करने लगा था, मगर एसएसपी को धमकी में लेने के चक्कर में पकड़ा गया।

एएसपी मानुष पारिक ने बताया कि आरोपी चंदन ने ठगी के लिए अपने चार नाम रख लिए थे। चंदन धोबी, चंदन शर्मा, चांदनी व पुष्पा। वह चार तरह की आवाज में बात करता था। साथ ही उसके पास से अलग-अलग पते वाले दस्तावेज भी मिले हैं। पैन कार्ड पर पुणे, आधार कार्ड पर बलिया का पता था। उसके पास अलग-अलग पार्टियों के सदस्यता वाले परिचय पत्र भी मिले हैं। वह समय-समय पर पार्टियों में सदस्य बन जाता था।

श्रम विभाग के सचिवालय का पास भी उसने बनवा रखा था। वहीं, 20 जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, थानों व डीसीआर यानी जिला कंट्रोल रूम के नंबर भी मिले हैं। यह जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर, बलिया, कुशीनगर सहित अन्य जनपदों के लोगों को ठगता था और अधिकारियों को धमकाता था।

एएसपी के मुताबिक, चंदन 20 साल पहले किन्नर बनकर ट्रेन में लोगों से रुपये मांगता था। वह दसवीं पास है। बीते 15 सालों से वह लोगों से ठगी व अधिकारियों को धमकाता था। उसके चार बैंक खाते मिले हैं, जिनमें कुल पांच लाख रुपये हैं। पुलिस अब इन खातों को फ्रीज कराएगी।

अखबार की खबरों से जुटाता था विवादित जानकारी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी चंदन अपने साथ कई लोगों को जोड़े हुए है। ये लोग तहसील, पुलिस मुख्यालय के पास घूमते हैं और उसे विवादित मामलों की जानकारी देते थे। इसके अलावा वह अखबार की खबरों से भी विवादित मामलों की जानकारी जुटाता था।

इसके बाद एक पक्ष को पैरवी करने का भरोसा देता था। वहीं बड़े मंत्रियों, अधिकारियों या प्राइवेट गनर आदि के साथ अपनी फोटो किसी बहाने खींचकर वायरल करता था, ताकि लोग उसको बड़ा आदमी मान लें। उसके पास कई फर्जी मुहर भी मिले हैं।

छोटे विवाद से लेकर भू-माफिया की भी की थी पैरवी
चांदनी उर्फ चंदन ने झंगहा के करही निवासी दो भाइयों के विवाद में पैरवी की थी। पहले सुरेंद्र यादव को एसपी डायल 112 बन फोन कर कहा कि वह उनका निर्माण करवा देगा। उनसे पांच लाख में सौदा किया। 70 हजार एडवांस लिया। अधिकारियों को फोन कर उनका काम शुरू करा दिया। लेकिन, जब सुरेंद्र बाकी रकम नही दे पाए तो निर्माण रुकवाने में जुटे विपक्षी गुलाब की तरफ से पैसा लेकर पैरवी की। लेकिन पुलिस ने दोनों पक्ष का चालान कर दिया। इसके बाद उसने झंगहा थानेदार को धमकाना शुरू किया था।

इसी तरह पिपराइच में कुछ दिन पहले एक महिला का किसी से विवाद हुआ था। पुलिस पहुंची तो पथराव कर दिया। पुलिस ने महिला व उसके बेटे पर केस दर्ज किया। बेटा जेल गया और महिला फरार है। इस मामले में भी चंदन ने एसएसपी के पीआरओ, एसपी नार्थ व एसएसपी को किन्नर समाज का दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बताकर फोन किया और पैरवी की थी। वहीं, चौरीचौरा के डुमरी निवासी भूमाफिया रामगोपाल यादव, जिस पर 60 केस दर्ज हैं, उसकी पैरवी के लिए एसपी को सीएम को ओएसडी बनकर कॉल किया था।

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