सफल समाचार
सुनीता राय
विश्वविद्यालय नैक का ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाने में उनकी योजना और कौशल की तारीफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने भी की।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के तीन साल का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। शिक्षक, कर्मचारी से लगायत छात्र तक विरोध में थे। कभी शुल्क की वृद्धि तो कभी छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रनेता आंदोलित रहे।
प्रो. कमलेश गुप्त व कुछ शिक्षकों ने कुलपति के विरोध में उपवास तक रखा। हाल ही में एबीवीपी और कुलपति के बीच ऐसी ठनी कि मामला शासन से राजभवन तक पहुंच गया। माना जा रहा कि एबीवीपी की मुखालफत ही प्रो. राजेश सिंह को भारी पड़ गई।
कुलपति के लिए अंतिम पांच की सूची में नाम रहने के बाद भी उनके नाम पर राजभवन ने विचार नहीं किया। हालांकि, कुलपति रहते हुए प्रो. राजेश सिंह के खाते में कई उपलब्धियां भी रही हैं। विश्वविद्यालय नैक का ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाने में उनकी योजना और कौशल की तारीफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने भी की।
अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू करके छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा दिलाने की कोशिश भी की। लेकिन ये सारी उपलब्धियां काम नहीं आई और कुलपति के रूप में उनकी दूसरी पारी शुरू करने की हसरत धरी की धरी रह गई।