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विश्वजीत राय
रामकोला। एक महिला के पेट में पथरी के ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने शुक्रवार को रामकोला के एक निजी अस्पताल में शव रखकर हंगामा किया। मामला बढ़ते देखकर पहुंची पुलिस ने नाराज लोगों को समझाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रजिस्टर्ड डॉक्टर के नहीं आने पर जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया।
थाना क्षेत्र के चंदरपुर लछिया गांव के निवासी दीपक कुमार नेे बताया कि उनकी 40 वर्षीय मां दुर्गावती की पित्त की थैली में पथरी था। दर्द होने पर आठ जून को उन्हें लेकर रामकोला कस्बे के श्री साईं अस्पताल पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना जांच कराए ही डॉक्टर ने पथरी का ऑपरेशन कर दिया।
कहा कि ऑपरेशन के बावजूद पेट का दर्द कम नहीं हुआ। इसके बाद घरवाले महिला को लेकर गोरखपुर एम्स गए। जांच में पता चला कि महिला को कैंसर है। इसीलिए ऑपरेशन का घाव ठीक नहीं हो रहा है। लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान बृहस्पतिवार की रात महिला की मौत हो गई।
इसके बाद नाराज घरवाले लखनऊ से शव लेकर शुक्रवार को सुबह श्री साईं अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे। मामला बढ़ते देखकर अस्पताल संचालक ने पुलिस को सूचना दी। कुछ देर बाद पहुंची पुलिस ने नाराज लोगों को शांत कराया।
सीएमओ और डीएम को भी फोन कर दीपक ने अस्पताल संचालक पर ऑपरेशन में लापरवाही करने की शिकायत की। कुछ देर बाद एसीएमओ डॉ. राकेश गुप्ता अपनी टीम के साथ श्री साईं अस्पताल पहुंचे।
यहां अस्पताल का रजिस्ट्रेशन डाॅ. अबरार अहमद के नाम से था। अस्पताल के संचालक महेंद्र कुशवाहा ने बताया कि सर्जन डॉ. आशीष अग्रवाल ऑपरेशन करने आते हैं। एसीएमओ ने दोनों डॉक्टरों को बुलाने के लिए कहा। तीन घंटे इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर नहीं आए तो अस्पताल को टीम ने सील कर दिया।
सूत्रों की मानें तो जिस डॉक्टर के नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन है, वह डॉक्टर कभी यहां नहीं आते। जिले के बाहर उनकी तैनाती है। विभागीय साठगांठ से यह अस्पताल चल रहा था।
चार महिलाओं का हुआ था ऑपरेशन, भेजी गईं घर
सील करने से पूर्व निजी अस्पताल की जांच हुई तो वार्ड में खड्डा के सिरसिया गांव की निवासी 35 वर्षीय सुभावती और अमडरिया गांव की निवासी 36 वर्षीय माया देवी के बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था। दिहुलिया मनिया छापर की 45 वर्षीय शीतली एवं सौनहा गांव की 35 वर्षीय संध्या की पित्त की थैली का ऑपरेशन हुआ था। चारोें महिलाओं को एंबुलेंस बुलाकर एसीएमओ ने घर भेज दिया। क्योंकि चार दिन पूर्व का ऑपरेशन हुआ था और इनके स्वास्थ्य में सुधार भी था।
डॉक्टर को दिया जाएगा नोटिस
एसीएमओ डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन है। जिस डॉक्टर के नाम पर रजिस्ट्रेशन है, उसे बुलाया गया। तीन घंटे इंतजार करने के बाद भी वह नहीं आया और न ही सर्जन आया। इसलिए अस्पताल को सील कर दिया। डॉक्टरों को नोटिस दिया जाएगा। उपस्थित नहीं होने पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त होगा। अस्पताल में जो मरीज भर्ती थे, उन्हेंं घर पहुंचा दिया गया।
ऑपरेशन नहीं, सिर्फ चीरा लगा था
श्री साईं अस्पताल के संचालक डॉ. महेंद्र कुशवाहा का कहना है कि दुर्गावती का ऑपरेशन नहीं किया गया था। सिर्फ चीरा लगा था। अंदर घाव होने पर टांका लगा दिया गया था। किसी के बहकावे में आकर घरवालों ने ऐसा किया है। यहां पर भी महिला के घरवालों से कैंसर होने की आशंका जताई गई थी।