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सुनीता राय
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने जिस प्राइवेट वार्ड को चार साल पहले जर्जर घोषित कर दिया था, उसके ही सात कमरों में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को रखा गया था। सजा काटने के दौरान अमरमणि इलाज कराने के लिए वर्ष 2018 से ही प्राइवेट वार्ड में रह रहे थे। जब भी वह कभी पेशी से लौटकर आते तो उन्हें इलाज के लिए यहां ही भर्ती कराया जाता था।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने जिस प्राइवेट वार्ड को चार साल पहले जर्जर घोषित कर दिया था, उसके ही सात कमरों में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को रखा गया था। सजा काटने के दौरान अमरमणि इलाज कराने के लिए वर्ष 2018 से ही प्राइवेट वार्ड में रह रहे थे। जब भी वह कभी पेशी से लौटकर आते तो उन्हें इलाज के लिए यहां ही भर्ती कराया जाता था।
जिस भवन में पूर्व मंत्री व उनकी पत्नी को रखकर इलाज कराया जा रहा था, उसे खुद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ही वर्ष 2019 में जर्जर घोषित कर दिया था। भवन के ध्वस्तीकरण का भी प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। न ही पूर्व मंत्री व उनकी पत्नी को किसी अन्य वार्ड में रखा गया। वर्ष 1996 में बने इस भवन की छत टपक रही है और दीवारों पर सीलन है।
मेडिकल कॉलेज सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री इस बार मानसिक रोग विभाग में भर्ती थे। उन्हें कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हैं, जिसका अलग-अलग डॉक्टरों से इलाज कराया जा रहा है।
चार बार भेजा जा चुका है प्रस्ताव
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में बने 32 कमरों के प्राइवेट वार्ड का उद्घाटन 12 दिसंबर 1996 को तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था। जेल में बंद होने के बाद पूर्व मंत्री जब भी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आते तो इसी प्राइवेट वार्ड में जगह मिलती।
महज 23 साल में ही यह भवन जर्जर हो गया। वर्ष 2019 में इसे जर्जर घोषित करते हुए आम मरीजों के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद इसे ध्वस्त करने का प्रस्ताव भेजा गया। मेडिकल कॉलेज के जेई सिविल बलवीर ने बताया कि अब तक चार बार ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन आदेश ही नहीं आया।