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शेर मोहम्मद
लोगों ने किसी स्वतंत्र एजेंसी से कार्यों की जांच कराने की मांग की
संवाद न्यूज एजेंसी
देवरिया। तरकुलवा ब्लॉक में मनरेगा का भ्रष्टाचार थमता नहीं दिख रहा। जिस तालाब में पानी भरा है, उसमें कार्य दिखाया जा रहा है। मौके पर कार्य ना कोई मजदूर पर मस्टररोल में रोज मजदूरों की हाजिरी दर्ज हो रही है। गांवों में मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कच्चे व पक्के कार्यों में 60- 40 के अनुपात का पालन नहीं हो रहा है। गांव के लोगों ने मनरेगा के कार्यों की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
तरकुलवा विकास खंड अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में कराए गए कार्यों पर नजर डाली जाए तो मनरेगा योजना में बड़ा खेल होने का मामला प्रकाश में आ रहा है। विकास खंड की दर्जनों ग्राम पंचायतों में भुगतान के बाद भी एक वर्ष बीत जाने के बाद अमृत सरोवर के निर्माण का कार्य आधा-अधूरा है। मौजूदा समय में कई गांवों में बरसात के कारण तालाबों में पानी भरा है, इस पर किसी तरह का कार्य नहीं कराया जा सकता है। इसके बावजूद प्रधान और ग्राम सचिवों ने अफसरों से मिलीभगत करके काम के लिए मस्टररोल जारी करा लिया है, जिस पर मजदूरों को काम करते दिखाया जा रहा है। हकीकत में मौके पर न तो किसी मजदूर की मौजूदगी है और न ही कोई काम हो रहा है। झमाझम बारिश के बीच भी कागजों में लगातार मजदूरों के काम करने और मस्टररोल में उनकी हाजिरी दर्ज कर मजदूरी का भुगतान कराए जाने का खेल देखकर गांवों के लोग हैरान हैं। प्रधान, पंचायत सचिव व मनरेगा सेल की मिलीभगत से विकास खंड के दर्जनों गांवों में लगातार कई-कई प्रोजेक्ट पर मस्टररोल जारी होना ऑनलॉइन दिख रहा है, जिसकी समय सीमा पांच अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म हो चुकी है। इसी प्रकार तवक्कलपुर में नौ, सिरवनिया में दो, सिरसिया गोठा में दो, रामपुर खास में पांच, पिपरहिया में आठ सहित कई गांवों में मस्टरोल दोबारा जारी होना दिखाया जा रहा है। जबकि यहां के ग्रामीणों का कहना है कि काम दो-तीन महीने पहले हुआ था, वर्तमान में जहां काम दिखाया जा रहा है, उन जगहों पर पानी भरा है। डीसी मनरेगा आलोक पांडेय ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं था। तरकुलवा विकास खंड के गांवों में मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों की ऑनलॉइन मानीटरिंग कराई जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी।