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आकाश राय
माफिया अतीक-अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज के जिला अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को हुई हत्या के बाद परिवार पर आर्थिक संकट आया, तो सूरज पाल के नाम से खरीदी गई संपत्तियों को बेचने का सिलसिला शुरू हो गया। अतीक और उसके कुनबे के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही प्रदेश और केंद्र की एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी और ऐसी 43 संपत्तियों को बेच डाला गया। तमाम सतर्कता के बावजूद बीते दो माह में प्रयागराज स्थित ऐसी चार संपत्तियों को बेच दिया गया।
बता दें कि प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद जिला प्रशासन, पुलिस के साथ प्रवर्तन निदेशालय भी माफिया अतीक अहमद के करीबियों पर कहर बनकर टूट पड़ा था। अतीक के आर्थिक साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने के लिए संपत्तियों को जब्त करने, ध्वस्तीकरण, छापेमारी का सिलसिला शुरू हो गया। अतीक के जितने भी करीबी और फाइनेंसर थे, ईडी ने उन पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया।
दो माह में चार जमीनों को बेचा
सूरज पाल ने सदर तहसील स्थित कटहुला गौसपुर गांव में 8 जून, 28 जून, 11 अगस्त और 22 अगस्त को चार जमीनों को बेचा है। इनको जौनपुर निवासी रेनू रंजन पत्नी राम चंद्र सरोज, प्रयागराज निवासी आशा देवी पत्नी अनिल कुमार, प्रयागराज निवासी अर्चना सिंह पत्नी संजय सिंह सेंगर और कौशांबी निवासी पुष्पा त्रिपाठी पत्नी रामकृष्ण को बेचा गया। इन जमीनों को करीब 60 लाख रुपये में बेचा गया है, हालांकि इनका वर्तमान बाजार मूल्य कई गुना अधिक बताया जा रहा है। इन संपत्तियों को खरीदने वाले आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ चुके हैं।