रविवार को नदी कटान कर रही है। 8.50 करोड़ रुपये की लागत से बने ठोकर का स्लोप धंस गया

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

नरवाजोत गांव के सामने कटान कर रही नदी, डिस्चार्ज बढ़ने से बिगड़ सकते हैं हालात

तमकुहीरोड। नरवाजोत में किमी 1.700 की डाउन स्ट्रीम में रविवार को नदी कटान कर रही है। 8.50 करोड़ रुपये की लागत से बने ठोकर का स्लोप धंस गया है। कटान कोे रोेकने के लिए बालू भरीं बोरियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। तटवर्ती गांव वालों को बाढ़ का भय सता रहा है। लोगों ने कटान से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम की मांग की है। डिस्चार्ज बढ़ने पर कभी भी बंधा टूट सकता है।
नरवाजोत बंधे पर पानी के दबाव से बैक रोलिंग होने से किमी 1.700 बने ठोकर की डाउन स्ट्रीम स्लोप का एक हिस्सा सोमवार को धंस गया। रविवार से नदी कटान कर रही है। गांव वालों की शिकायत पर पहुंचे बाढ़ खंड के जेई ने कटान से बचाव का कार्य शुरू करा दिया। बालू से भरीं बोरियों को नदी में डाला जा रहा है। तेज कटान होने के कारण इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।

करीब दो साल पूर्व 8.50 करोड़ रुपये की लागत से ठोकर का निर्माण नरवाजोत बंधे पर हुआ था। यह थोड़ा भी पानी का दबाव नहीं झेल पाया और स्लोप धंसने लगा। गांव वालों का आरोप है कि बंधे को मजबूत करने और कटान रोकने के लिए किए गए करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी कटान नहीं रुक रकी है।
बाढ़ खंड के एसडीओ रमेश यादव, जेई चंद्रप्रकाश, सुनील कुमार यादव, रमेशधर दुबे ने सोमवार को कटान स्थल का निरीक्षण किया। गांव के प्रताप सिंह, मुन्ना यादव, पुजारी सिंह, ध्रुव निषाद, संजय सिंह, पन्नालाल यादव, कैलाश सिंह, प्रभुनाथ यादव का आरोप है कि ठोकर जर्जर हो चुका है। इसके नोज का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। कटान रोकनेे के लिए बालू की बोरियों का कोई मतलब नहीं है। गांव वालों ने कहा कि बिना बोल्डर के कटान नहीं रोकी जा सकती है। समय रहते अफसरों ने इसे गंभीरता सेे नहीं लिया तो बंधा कभी भी कट सकता है।

जेई रमेश यादव ने बताया कि कटान रोकने के लिए बचाव कार्य चल रहा है। अभी पानी कम है। बंधे को कोई खतरा नहीं है। लेकिन कटान स्थल पर नजर रखी जा रही है। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला है।

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