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सुनीता राय
राहुल के अपहरण में पुलिस ने पहले कुल सात आरोपी बनाए थे। इनमें मुख्य आरोपी संदीप त्रिपाठी मर चुका है। उसके साथ हनुमान शुक्ला उर्फ काका, अजय मिश्रा, आनंद सिंह, राम विलास, जग प्रताप वर्मा, नैनीश शर्मा, शिवम को आरोपी बनाया गया। इन्हीं आरोपियों के साथ अमरमणि त्रिपाठी का नाम भी जोड़ा गया था।
बस्ती के व्यापारी धरमराज मद्धेशिया के बेटे राहुल के अपहरण मामले में आरोपी बना पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी 22 वर्ष बीतने के बाद अभी तक न्यायालय में पेश नहीं हुआ। इस मामले में उसे फरवरी 2002 में जमानत मिली थी। इस दौरान अमरमणि 12 वर्ष मेडिकल कॉलेज में भी रहा, लेकिन एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ।
22 वर्ष पूर्व की इस घटना ने खूब सुर्खियां बटोरीं। हालात ऐसे हो गए कि अमरमणि को मंत्री पद गंवाना पड़ा। अब न्यायालय ने इस मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है। बीती 17 अगस्त को सीएमओ गोरखपुर को मेडिकल बोर्ड गठित कराकर जांच रिपोर्ट मांग ली है। इसी के बाद अमरमणि की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं।
6 दिसंबर 2001 को बस्ती से ही व्यापारी धरमराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। परिजनों ने मामले में बस्ती के कोतवाली थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया था। पिता धरमराज ने तहरीर में लिखा था कि उनका बेटा राहुल बस्ती के एक निजी विद्यालय का संस्थागत छात्र है। रोजाना की तरह घर से स्कूल जाने के लिए निकला था।
सुबह करीब 7.45 बजे बेटा जब एक गुप्ता परिवार के घर के सामने से गुजर रहा था, उसी समय सफेद रंग की मारुति कार से आए बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया। गुप्ता परिवार के अलावा इस घटना के कुछ और चश्मदीद भी थे।