अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रहे दोनों पूर्व मुख्य एक करोड़ 20 लाख और तीन सहयोगियों को 14 लाख मानदेय स्वीकृत किया

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

माफिया अतीक और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में कालविन अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शासन ने इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था।

शासन ने पांच सदस्यीय आयोग को एक करोड़ 20 लाख और तीन सहयोगियों को 14 लाख मानदेय स्वीकृत किया प्रयागराज। अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच कर रहे न्यायिक आयोग को शासन ने एक करोड़ 20 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके अलावा जांच आयोग के तीन सहयोगियों को भी 14 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जांच के लिए कुल एक करोड़ 34 लाख रुपये दिए जाएंगे।

माफिया अतीक और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में कालविन अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शासन ने इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी भी शामिल हैं।

शासन ने दोनों पूर्व मुख्य न्यायमूर्तियों दिलीप बाबा साहब भोंसले और वीरेंद्र सिंह को 30-30 लाख रुपये, न्यायमूर्ति अरविंद त्रिपाठी, सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी और पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह को 20-20 लाख रुपये एकमुश्त मानदेय स्वीकृत किया है। इसके अलावा न्यायिक जांच आयोग द्वारा नियुक्त एमाइकस क्यूरी राहुल अग्रवाल को पांच लाख रुपये, सहयोगी अधिवक्ता निखिल मिश्रा को दो लाख रुपये और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल सात लाख स्वीकृत किया गया है। मनीष गोयल को जांच आयोग को अपेक्षित सहयोग देने और न्यायालय में राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत करने लिए मानदेय दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *