63 लाख रुपये का अवैध सोना बरामद हुआ अवैध सोने के साथ गिरफ्तार पंडित के तीन गुर्गों पर केस

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

जांच के दौरान सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा और मंत्री हरिद्वार वर्मा भी दुकान पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि डीआरआई की टीम ने सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। हालांकि, वह जब तक दुकान पर थे, जांच के दौरान डीआरआई को मानक से विपरीत कोई तथ्य नहीं मिला था।

हिंदी बाजार में अवैध सोने के धंधेबाज पंडित के तीन कर्मचारियों पर डीआरआई लखनऊ (डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) ने शनिवार को केस दर्ज कर लिया। तीनों के पास से डीआरआई को करीब 63 लाख रुपये का अवैध सोना बरामद हुआ। डीआरआई ने तीनों को निजी मुचलके पर शनिवार की देर शाम जमानत दे दी। जबकि पंडित के बेटे को लिखित बयान दर्ज कर रविवार की सुबह छोड़े जाने की चर्चा है। डीआरआई अब इस मामले में और जानकारी जुटा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, सुल्तानपुर की पुलिस ने अवैध सोने के साथ तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। सूचना पर वाराणसी, डीआरआई की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेकर लखनऊ गई। वहां इनसे पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया कि तीनों संदिग्धों के पास से बरामद सोने के आधार पर इनके खिलाफ नामजद केस दर्ज कर दी गई। पूछताछ में तीनों ने बताया कि सोना, गाड़ी और अन्य दस्तावेज हिंदी बाजार के सराफा व्यापारी पंडित का है।

तीनों ने खुद को इन सामानों का सिर्फ हैंडलर बताकर पहले बचने की कोशिश की, लेकिन जांच में रिकाॅर्ड सामने आने पर तीनों कर्मचारी डीआरआई टीम के सामने टूट गए। बताया जा रहा है कि इनमें से एक कर्मचारी अभी कुछ दिन पहले ही पंडित के इस धंधे में शामिल हुआ था। जबकि, दूसरा कर्मचारी लंबे समय से पंडित के साथ ही था। उसे पूरे रैकेट के बारे में बारीक जानकारी है।

उधर, शनिवार को जैसे पंडित का नाम सामने आया, डीआरआई की टीम उसके हिंदी बाजार स्थित दुकान पर पहुंच गई। लगभग चार घंटे से अधिक पूछताछ के बाद बेटे को पहले डीआरआई घर ले गई। इसके बाद वहां से कुछ दस्तावेजों को लेकर अपने दफ्तर लेते आई। यहां आधिकारिक पूछताछ कर रविवार की सुबह बेटे को छोड़ दिया गया।

व्यापारियों के कर्मचारी रखे हुए थे डीआरआई पर नजर
शनिवार सुबह डीआरआई की टीम के हिंदी बाजार पहुंचते ही आसपास के दुकानदार सतर्क हो गए। उनकी दुकानों के शटर गिर गए। चर्चा थी कि कई दुकानदारों ने पंडित की दुकान के सामने चाय की रेहड़ी पर अपने कर्मचारियों को खड़ा कर दिया था और उनमें से कुछ खुद डोसा खाने चले गए। ये बातें उनके कर्मचारियों ने ही चाय पीने के दौरान दूसरे लोगों से साझा कीं। बताया कि दुकानदारों ने उन्हें निर्देश दिया गया था कि वे चाय पीने के साथ टीम की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।

जांच के दौरान सराफा मंडल के पदाधिकारी भी रहे मौजूद
जांच के दौरान सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा और मंत्री हरिद्वार वर्मा भी दुकान पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि डीआरआई की टीम ने सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। हालांकि, वह जब तक दुकान पर थे, जांच के दौरान डीआरआई को मानक से विपरीत कोई तथ्य नहीं मिला था। सूत्रों ने बताया कि जांच के लिए एजेंसियां आती हैं तो इस दौरान सराफा मंडल के पदाधिकारी भी साथ में मौजूद रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *