हापुड़ की घटना में दोषी पुलिस कर्मियों पर कारवाई ना होना दुःखद -राकेश शरण मिश्र

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह 

हापुड़ की घटना में दोषी पुलिस कर्मियों पर कारवाई ना होना दुःखद -राकेश शरण मिश्र

 सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कारवाई हेतु की माँग

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में बीते दिनों शान्तिपूर्ण धरना दे रहे अधिवक्ता साथियों पर हापुड़ पुलिस अधिकारियों के आदेश पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के मामले में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश के अधिवक्ताओ ने सोमवार को कार्य से विरत रहकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान मुख्य रूप से हापुड़ लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कठोर कारवाई, लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओ का निःशुल्क समुचित इलाज एवं मुआवजा, तथा उत्तर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू करने की माँग की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय पर सोंनभद्र के अधिवक्ताओ द्वारा किए जा रहे धरना प्रर्दशन को संबोधित करते हुए सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अनुशासन समिति के सदस्य राकेश शरण मिश्र ने कहा कि हापुड़ की व गाजियाबाद की घटना से प्रदेश भर के अधिवक्ता संघों व अधिवक्ताओ के अंदर अत्यधिक आक्रोश और दुःख ब्याप्त है। हापुड़ पुलिस के लाठीचार्ज से अत्यधिक संख्या में अधिवक्ता साथी घायल हुए हैं और कई साथी अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं जो बहुत ही दुःखद है।श्री मिश्र ने कहा कि ऐसा कोई महीना नही गुजर रहा है जब प्रदेश में कहीं ना कहीं किसी ना किसी अधिवक्ता साथी की हत्या न हो रही हो या उन पर जान लेवा हमले ना हो रहे हैं। यह बहुत ही दुःखद स्थिति है।महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विगत कई वर्षो से उत्तर प्रदेश सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की माँग की जा रही है पर उत्तर प्रदेश सरकार इसे लागू नही कर रही है जिससे अधिवक्ता समाज अत्यंत ब्यथित है। उन्होंने कहा कि जब तक हापुड़ लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कठोर दंडात्मक कारवाई नही करती है, फर्जी तरीके से नामजद एवं अज्ञात अधिवक्ताओ के ऊपर दर्ज मुकदमों को वापस नही लेती है और उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओ की सुरक्षा से सम्बंधित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की घोषणा नही करती तब तक बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश अधिवक्ता न्यायिक/ कार्यालयी कार्यो से पूर्ण रूप से विरत रह कर इस लड़ाई को लड़ेंगे। इस मौके पर भारी श्रमिक संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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