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आकाश राय
मोबाइल में कॉन्टैक्ट लिस्ट से लेकर व्हाट्सएप चैट तक खंगाले गए और इनके स्क्रीनशॉट भी लिए गए। सुबह पांच बजे से लेकर शाम छह बजे तक करीब 13 घंटे तक जांच पड़ताल करने के बाद एनआईए की टीम वापस लौट गई।
नक्सली गतिविधियों व फंडिंग मामले में जांच के लिए पहुंचे एनआईए अफसरों ने गहन छानबीन की। रसूलाबाद में पीयूसीएल प्रदेश अध्यक्ष सीमा आजाद के घर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों लैपटॉप, मोबाइल के साथ ही दस्तावेजों व साहित्य की भी पड़ताल की। इसके बाद इन्हें सील करते हुए अपने कब्जे में ले लिया। इसमें उनकी मैगजीन, आलेख व कविता कोश भी शामिल रहे।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की टीम ने सीमा आजाद के घर पहुंचने के बाद सबसे पहले उनसे व उनके पति विश्वविजय से पूछताछ की। उन पर दर्ज देशद्रोह के मामले व पूर्व में लगे आरोपों के संबंध में भी कुछ सवाल पूछे। करीब घंटे भर तक पूछताछ के बाद घर की तलाशी शुरू की गई। एनआईए की टीम ने चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। इसके बाद मौके पर भारी मात्रा में मिले दस्तावेजों की गहनता से पड़ताल शुरू हुई।
दस्तावेजों की पड़ताल के साथ ही लैपटॉप, मोबाइल भी कब्जे में ले लिया। फिर इनकी भी जांच की गई। मोबाइल में कॉन्टैक्ट लिस्ट से लेकर व्हाट्सएप चैट तक खंगाले गए और इनके स्क्रीनशॉट भी लिए गए। सुबह पांच बजे से लेकर शाम छह बजे तक करीब 13 घंटे तक जांच पड़ताल करने के बाद एनआईए की टीम वापस लौट गई। इसी तरह मेंहदौरी में मनीष आजाद व धूमनगंज में सत्येश विद्यार्थी के ठिकानों पर भी गहन छानबीन की गई। उनके नक्सली मूवमेंट से कनेक्शन के संबंध में व्यापक पड़ताल की गई।
परेशान किए जाने का आरोप
सीमा आजाद व उनके पति विश्वविजय ने खुद को परेशान किए जाने का आरोप लगाया है। एनआईए की कार्रवाई के दौरान ही पहले विश्वविजय व बाद में सीमा ने मीडिया से बात की। विश्वविजय ने आरोप लगाया कि चुनाव आने वाला है। ऐसे में फासिस्ट सरकार एनआईए, एटीएस जैसी अपनी संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने व उन्हें डराने के लिए कर रही है। आज लोकतंत्र खत्म हो गया है। आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर बोलने वालों की आवाज बंद कराई जा रही है। उधर, सीमा ने कहा कि बार-बार पूछने पर भी एनआईए अफसरों ने कोई जवाब नहीं दिया। आशंका जताई कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, शाम को यह आशंका गलत साबित हुई।
कदम-कदम पर बरती गोपनीयता
इस कार्रवाई को एनआईए ने बेहद गोपनीय रखा। हाल यह रहा कि दो आला अफसरों को छोड़कर इस कार्रवाई की सूचना अन्य किसी को नहीं लगी। जिन क्षेत्रों में छापा मारा जाना था, वहां की स्थानीय पुलिस को भी सूचित नहीं किया गया। पुलिस लाइन से रातों रात पुलिसकर्मियों की टीम तैयार की गई, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया गया कि उन्हें किस जगह और क्यों जाना है। भोर में पांच बजे के करीब एनआईए की टीम चार अलग-अलग टुकड़ियों में बंट गई और फिर चारों टीमें अपने-अपने साथ फोर्स को लेकर आगे बढ़ीं। संबंधितों के घर के बाहर पहुंचने के बाद ही पुलिसकर्मियों को बताया गया कि इस घर की तलाशी ली जानी है।