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शेर मोहम्मद
देवरिया। नगर के विस्तारित क्षेत्र में नगर पालिका पीने के पानी का इंतजाम नहीं कर सकी है। इससे करीब छह हजार परिवार या तो खरीदकर पानी पी रहे हैं, या हैंडपंप पर निर्भर हैं। पुराने वार्डाें में भी करीब पांच हजार परिवार पाइप लाइन पेयजल योजना से वंचित हैं।
अमृत योजना, जल जीवन मिशन आदि के तहत करोड़ो रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को शुद्ध पानी बाजार से खरीदना पड़ रहा है। शहर में हर महीने करीब 33 लाख के पानी का कारोबार हो रहा है। साफ पानी की किल्लत की बानगी बुधवार की दोपहर रामनाथ देवरिया दक्षिणी में देखने को मिली। दोपहर 12 बजे राजेंद्र तिवारी के मकान के पास इंडिया मार्का हैंडपंप पर बाल्टी, डिब्बा लेकर खड़े लोगों में पहले पानी लेने के लिए बकझक हो रही थी। संख्या पांच छह लोगों की ही थी लेकिन आपस में समझौता कर लोगों ने कतार लगा ली। दोपहर का समय और पानी के लिए इतनी आपाधापी। बात कुछ अजीब लगी तो पूछने पर विमला देवी ने बताया कि सुबह का खाना बन गया है। अब इसी पानी से शाम तक काम चलाना है। मोहल्ले में ज्यादातर लोगों के यहां पाइप पेयजल कनेक्शन नहीं है। मेरे यहां है तो जलकल का पानी गंदा आ रहा है। इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी मीठा लगता है। हम लोग यहीं से पीने के लिए सुबह, दोपहर, शाम पानी लेकर जाते हैं। मोहल्ले के सुजीत तिवारी, विकास पांडेय आदि ने बताया कि यहां पाइप पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था जर्जर है। लीकेज होने के बाद घरों में गंदा पानी पहुंचने लगता है। जिसके चलते ज्यादातर लोग आरओ (रिवर्स ऑसमोसिस) का पानी खरीद कर पीते हैं।
अमृत योजना से हुए ये काम
तीन साल पूर्व शहर को पाइपलाइन बिछाकर पेयजल से संतृप्त करने के लिए अमृत योजना के तहत दो फेज में काम कराया गया। पहले फेज में 6.46 करोड़ की लागत से पाइप लाइन के विस्तार के साथ 1078 घरों में कनेक्शन दिया गया। दूसरे फेज में 6.19 करोड़ खर्च कर 12738 घरों में कनेक्शन दिया गया। 5800 पेयजल कनेक्शन पूर्व में दिए गए थे।
जमीन के बिना छह माह से लटकी है परियोजना
जल निगम शहरी के एक्सईएन पीके गौतम ने बताया कि रामनाथ देवरिया मोहल्ले में अमृत योजना 2.0 के तहत पेयजल परियोजना की स्वीकृति दो मार्च को शासन से मिली थी। पानी की टंकी, स्टाफ रूम, ट्यूबेल आदि बनाने के लिए जल निगम को जमीन की जरूरत है। इसके लिए जिला प्रशासन व नगर पालिका को जल निगम के अधिकारियों ने पत्र भेजने के साथ कई बार मौखिक वार्ता भी की। लेकिन, जमीन मुहैया नहीं कराई जा सकी है। नगर पालिका जमीन देने से हाथ खड़े कर चुकी है। इस परियोजना से लगभग एक हजार घरों को पेयजल कनेक्शन दिया जाना है।
ऐसे हो रहा पानी का कारोबार
55 के करीब आरओ प्लांट लगे हैं शहर में।
1.10 लाख रुपये है रोजाना पानी का कारोबार।
10 रुपये बाॅटल प्लांट पर मिलता है पानी।
20 रुपये बाॅटल घर पहुंचाने पर लेते हैं आरओ प्लांट वाले।
मुहल्ले में अक्सर पेयजल पाइप में लिकेज की समस्या रहती है। इस समय भी पानी मैला आ रहा है। हम लोग आरओ का पानी खरीदकर पीते हैं। – रजत यादव, रामनाथ देवरिया दक्षिणी।
मदन पांडेय के घर के पास पाइप लिकेज है। आपूर्ति बंद होते ही गंदा पानी पाइप में जाने लगता है। वही पानी आपूर्ति शुरू होने पर घरों में आएगा। इससे अच्छा इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी है। – राधेश्याम पांडेय, रामनाथ देवरिया दक्षिणी।
वर्जन:
पुराने व नए वार्डों में पेयजल पाइप लाइन के विस्तार के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही बजट की उपलब्धता के अनुसार काम शुरू करा दिए जाएंगे। रामनाथ देवरिया दक्षिणी में जल निगम को 8100 वर्गफुट जमीन की जरूरत है। जो वहां उपलब्ध नहीं है। दूसरे वार्डों में जमीन की तलाश की जा रही है।