गोरखपुर में गोड़धोइया नाला के सुंदरीकरण को लेकर सर्वे की अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली गई

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि लखनऊ से आई टीम ने नए सिरे से रिपोर्ट दी है। नाला की चौड़ाई शुरूआत में 10 मीटर और अंतिम सिरे पर 20 मीटर रखी गई है। इससे बहुत सारे लोगों के मकान सुरक्षित रहेंगे। जल्द ही नाला का काम शुरू कराया जाएगा।

गोरखपुर में गोड़धोइया नाला के सुंदरीकरण को लेकर सर्वे की अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नाला की चौड़ाई प्रारंभ में 10 मीटर और अंतिम छोर पर 20 मीटर होगी। इससे करीब 200 मकान बच जाएंगे, जबकि करीब 400 मकानों को आंशिक रूप से तोड़ना पड़ेगा। लखनऊ से आई टीम ने सर्वे करके अपनी रिपोर्ट जल निगम के जीएम और डीएम को सौंप दी है।

गोड़धोइया नाला के सुंदरीरकण में नाला की चौड़ाई पहले में 11 मीटर और अंतिम छोर पर 32.5 मीटर तय करके डिजाइन बनाई गई। नाला की चौड़ाई बढ़ने से करीब पांच सौ से अधिक मकान इसकी जद में आ रहे थे। इससे परेशान लोगों ने सीएम योगी से गोरखनाथ मंदिर में मिलकर मकानों को बचाने की गुहार लगाई। लोगों के निवेदन पर सीएम ने दोबारा सर्वे कराने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि नाला की चौड़ाई इतनी रखी जाए जिससे आसानी से पानी निकल जाए। साथ ही लोगों के मकानों का नुकसान कम से कम हो। इसके बाद लखनऊ से आई जल निगम के अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम ने दो दिनों तक मौजूद रहकर सर्वे किया। इसकी रिपोर्ट तैयार करके जल निगम के जीएम और डीएम कृष्णा करुणेश को सौंप दी है।

 जिनका मकान बचेगा, उनसे वापस नहीं लेंगे रुपये
नए रिपोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य में कुछ लोगों की चहारदीवारी तो कुछ लोगों के मकान का एक से दो मीटर का नुकसान होने का अनुमान है। उधर, बृहस्पतिवार को घोषीपुरवा के पास मासूम बाबा के मजार के नजदीक नाले का लेवल जांचने के लिए जल निगम कर्मचारी पहुंचे। लोगों के पूछने पर बताया कि नाला के किनारे सीवर लाइन का काम होगा। इसलिए जमीन का सर्वे किया जा रहा है।

नए सिरे से सर्वे कराए जाने के लिए रजिस्ट्री का काम प्रशासन ने रोक दिया था। इसके पहले कुल 52 लोगों ने अपने मकानों की रजिस्ट्री प्रशासन के पक्ष में करा दी है। ऐसे लोगों को भी राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि इन लोगों ने मुआवजे की रकम लेकर कहीं और जमीन ले लिया है।

इन्हें यह डर का था कि कहीं उनकी जमीन या मकान अधिग्रहण की जद से बाहर हो जाए तो मुआवजे की रकम वापस न मांगी जाए। लेकिन, प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे लोगों से मुआवजे की रकम वापस नहीं ली जाएगी, लेकिन मकान और जमीन पर मालिकाना हक व कब्जा प्रशासन का ही रहेगा। जंगल तुलसीराम बिछिया में रहने वाले सुधीर ने प्रशासन से मिले रुपये से तारामंडल में 70 लाख का मकान खरीद लिया है। उन्हें अधिग्रहण के बदले 88 लाख रुपये मिले थे। इसी तरह से अन्य लोगाें ने रुपये लेकर दूसरी जगह पर जमीन और मकान का इंतजाम कर लिया है।

डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि लखनऊ से आई टीम ने नए सिरे से रिपोर्ट दी है। नाला की चौड़ाई शुरूआत में 10 मीटर और अंतिम सिरे पर 20 मीटर रखी गई है। इससे बहुत सारे लोगों के मकान सुरक्षित रहेंगे। जल्द ही नाला का काम शुरू कराया जाएगा।

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