मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में एमटेक और बीटेक में टॉपर बने

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

महराजगंज जिले के निचलौल निवासी हीरालाल गुप्ता के पुत्र संजय कुमार गुप्ता की शुरुआती पढ़ाई निचलौल से हुई है। उनके पिता प्राइवेट स्कूल में शिक्षक थे। पांच बहनों के एकलौते भाई संजय ने 10वीं व 12वीं की पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर सूरजकुंड से की है। अपने शिक्षक अखिलानंद मिश्र की प्रेरणा से जालंधर यूनिवर्सिटी से बीटेक करने चले गए।

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से ही उड़ान होती है। कुछ ऐसे ही सपने इन मेधावियों ने भी पाल रखे थे, जिसे अपनी मेहनत और लगन से जमीनी हकीकत दी है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में एमटेक और बीटेक में टॉपर बने हर होनहार के संघर्ष की अलग कहानी है। कामयाबी की राह पर आगे बढ़कर ये नई युवा पीढ़ी के प्रेरणा हैं।

मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी…तैयार कर रहे भावी इंजीनियर
एमएमएमयूटी के एमटेक कंप्यूटर साइंस में टॉपर बने संजय कुमार गुप्ता को बीटेक की पढ़ाई के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई। लेकिन, अपने गुरु की प्रेरणा से संजय ने नौकरी छोड़ कर आगे की पढ़ाई शुरू की।

एमटेक के बाद वह पीएचडी कर रहे हैं। इसके साथ ही कानपुर में एक प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भावी इंजीनियरों की पौध तैयार करने में जुट गए हैं।

मूलत: महराजगंज जिले के निचलौल निवासी हीरालाल गुप्ता के पुत्र संजय कुमार गुप्ता की शुरुआती पढ़ाई निचलौल से हुई है। उनके पिता प्राइवेट स्कूल में शिक्षक थे। पांच बहनों के एकलौते भाई संजय ने 10वीं व 12वीं की पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर सूरजकुंड से की है। अपने शिक्षक अखिलानंद मिश्र की प्रेरणा से जालंधर यूनिवर्सिटी से बीटेक करने चले गए। बीटेक करने के दौरान उनका सेलेक्शन विप्रो कंपनी में हो गया।

उन्होंने अपने शिक्षक की सलाह पर नौकरी छोड़ फिर पढ़ाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वह एमएमएमयूटी से कंप्यूटर साइंस से एमटेक करने चले आए। एमटेक में टॉपर बनने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। वह एचबीटीयू कानपुर से पीएचडी करने के साथ वहीं पर एक संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।

शिक्षण कार्य में मुकाम हासिल करना चाहती हैं विन्नू
एमएमएमयूटी के एमटेक कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में टॉपर बन परिवार का नाम रोशन करने वालीं विन्नू यादव ने संघर्ष के बीच सफलता का मुकाम हासिल किया है। वह शिक्षक बन शिक्षण कार्य में कुछ बड़ा करना चाहती हैं।

गोरखपुर शहर के नंदानगर दरगहिया में अपने बाबा और दादी के साथ रहने वाली विन्नू मूलत: महराजगंज जिले के माधोपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता योगेंद्र यादव किसान हैं। तीन भाई-बहन में दूसरे नंबर की विन्नू पढ़ने में काफी होनहार हैं। उनकी पढ़ाई को देखते हुए बाबा गोरखपुर लेते आए। बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक करने के बाद उन्होंने एमएमएमयूटी से एमटेक किया। एमटेक में टॉपर बनने पर राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल मिलने पर परिवार में हर्ष व्याप्त है। विन्नू पीएचडी कर शिक्षक बनना चाहती हैं।

 

सीमित संसाधनों में अपने को निखार टॉपर बनीं वैष्णवी
बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में छात्राओं में टॉपर वैष्णवी सिंह ने सीमित संसाधनों के बीच पढ़ाई की और कामयाबी की ओर कदम बढ़ाए हैं। पढ़ाई के दौरान ही वैष्णवी का चयन एलएनटी कंपनी में छह लाख रुपये सालाना पैकेज पर हुआ है।

गोरखपुर शहर के दिव्यनगर मोहल्ला निवासी राजेश सिंह की बेटी वैष्णवी पढ़ने काफी होनहार हैं। राजेश प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार में आमदनी का जरिया बहुत ही सीमित है। एक भाई और दो बहन में सबसे छोटी वैष्णवी ने पास के ही प्राइवेट स्कूल से पढ़ाई कर 10वीं में 10 सीजीपीए प्राप्त किया। 12वीं के बाद उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी के प्रवेश परीक्षा को पास कर बीटेक में प्रवेश लिया। बीटेक सिविल इंजीनियरिंग कर टॉपर बनने पर परिवार में खुशी का माहौल है।

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