जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड में भर्ती किए गए सात मरीज, 12 दिन में 20 मरीजों में डेंगू की हुई पुष्टि, 35 संदिग्ध

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

शहर और गांवों में नहीं हो रही फाॅगिंग
पडरौना। जिले में डेंगू की चपेट में लोग आ रहे हैं। जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती डेंगू की संदिग्ध मरीज 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। डेंगू का लक्षण मानकर डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया था, लेकिन जांच में पुष्टि नहीं हुई थी। 12 दिन में 20 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 35 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। इनका सैंपल लिया गया है। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती सात मरीजों का इलाज चल रहा है।
मल्लूडीह क्षेत्र के कुड़वा दिलीपनगर के टोला धन्नीपट्टी निवासी अमितेश की 11 वर्षीय बेटी गुंजन की मौत हो गई। वह तेज बुखार से पीड़ित थी, लक्षण के आधार पर डॉक्टर ने उसे डेंगू की संदिग्ध मानते हुए इलाज शुरू किया। शनिवार को जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घरवाले इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। गुंजन धन्नीपट्टी परिषदीय स्कूल में कक्षा तीन की छात्रा थी।

जिला अस्पताल में शनिवार को 872 मरीजों की ओपीडी हुई। तेज बुखार और शरीर में दर्द से परेशान अधिकांश मरीज आए। लक्षण के आधार पर डॉक्टर ने खून की जांच कराने के साथ दवा लिखा। जांच रिपोर्ट आने पर अगले दिन मिलने को कहा। जिला अस्पताल में एक अगस्त से 10 सितंबर तक डेंगू के 19 मरीज मिल चुके हैं।

बोले मरीज
डेंगू वार्ड में भर्ती दुदही ब्लॉक के धर्मपुर पर्वत निवासी मानस ने बताया कि उसे कई दिनों से बुखार आ रहा था। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। वार्ड में मच्छरदानी नहीं दिया जा रहा है और बेड का चादर भी नहीं बदला जा रहा है।

पडरौना नगर के पूर्वी लाजपत नगर निवासी बीरेंद्र वर्मा ने बताया कि परिवार में कई लोगों को बुखार था। जांच में मुझे डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा श्रेयांश 18 वर्ष, उपेंद्र 25 वर्ष, मनोज 45 वर्ष, दिलीप कुमार 30 वर्ष, हरिदयाल 28 वर्ष, बिग्गू 39 वर्ष, प्रवीन राय 29 वर्ष समेत कई लोग डेंगू से जूझ रहे हैं।

छात्रा को तेज बुखार हुआ था। तीन दिन से वह भर्ती थी। डेंगू जैसे लक्षण दिख रहे थे, लेकिन जांच में पुष्टि नहीं हुई थी। डेंगू के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। तबीयत में सुधार के बाद पांच मरीजों को शनिवार को डिस्चार्ज किया गया। बाकी मरीज भर्ती किए गए हैं। वार्ड में क्या कमी है। इसे दिखवाकर ठीक कर लिया जाएगा।
-डॉ. एचएस राय, सीएमएस, जिला अस्पताल

डेंगू में बरतें ये सावधानियां
डेंगू के मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए, ताकि रिकवरी जल्दी हो सके। वहीं, घर में अगर कूलर है तो उसमें पानी रोज बदलें नहीं तो उसमें डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा खिड़की दरवाजे बंद करके रखें, ताकि मच्छरों की प्रवेश घर में न हों, मच्छरदानी का प्रयोग करें। फुल बाजू की शर्ट पहने। सफाई पर ध्यान दें।

कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को ज्यादा चुभ रहा डेंगू का डंक
कसया। यह मौसम डेंगू के लिहाज से अतिसंवेदनशील है। हर बीमारी की तरह डेंगू से भी बचाव और समय रहते इसके लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। चिकित्सकों का कहना है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए डेंगू ज्यादा घातक हो सकता है। ऐसे लोगों में बिना बुखार के भी डेंगू हो सकता है। इस तरह के मामलों में थकान और शरीर में दर्द होता है। रोगी का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। सांसें तेज चलने लगती हैं। मधुमेह का रोगी हो तो शुगर लेबल बढ़ जाता है।

कसया सीएचसी के अधीक्षक डॉ. मारकंडेय चतुर्वेदी का कहना है कि डेंगू समेत कई मच्छरजनित बीमारियों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय मच्छर जन्य परिस्थितियां ही पैदा न होने दें। डेंगू के लक्षण आने पर चिकित्सक से परामर्श लेने में देरी न करें। संतुलित और पौष्टिक आहार लें तथा नियमित अंतराल पर पानी और अन्य पेय पदार्थ पीते रहें। जिला अस्पताल में 24 घंटे डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध है।

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