प्राइवेट बसों में ऑल यूपी परमिट पर भरे जा रहे लोकल यात्री

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

 जिले में डग्गामार वाहनों की भरमार है। इनके रूट का न कोई निर्धारण और न ही किराए की सूची है। जहां मन हुआ उधर ही सवारी वाहन लेकर चल दे रहे हैं। ऑल यूपी परमिट के सहारे अधिकतर प्राइवेट बसें लोकल रूट पर धड़ल्ले से चलाई जा रही हैं। इन बसों में खुलेआम लोकल सवारियां बैठाई जा रही हैं। इसके अलावा ठसाठस सवारियों से भरे छोटे वाहन भी बेरोकटोक सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।

कायदे-कानून को ताख पर रख निजी क्षेत्र के सवारी वाहन चौतरफा डग्गेमारी कर रहे हैं। परिवहन विभाग इन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल सिर्फ मुख्यालय के इर्द-गिर्द हाईवे की सड़कों पर निगरानी रख पा रहा है। इनसे आंख मिचौली कर या सेटिंग के जरिए चेकिंग प्वाइंट को यह डग्गामार वाहन पलक झपकते ही पार कर ले रहे हैं। इसके बाद 40 से 50 किमी की दूरी तक सवारियां ढोई जा रही है। यात्रियों से मुंहमांगा किराया भी वसूल किया जा रहा है। अधिकतर प्राइवेट बसों की स्थिति भी खस्ताहाल है। यात्रा के दौरान इनसे सुरक्षा की कोई गारंटी भी नहीं है। विभाग इक्का-दुक्का वाहनों की धरपकड़ कर फुर्सत ले रहा है।

रेलवे स्टेशन पर छोटे सवारी वाहनों की भरमार
रेलवे स्टेशन पर छोटे सवारी वाहनों की भरमार है। यहां 15 से 20 साल पुरानी हो चुकी जीप, बोलेरो, मार्शल आदि वाहनों से दिल्ली-मुंबई एवं अन्य महानगरों से आने वाले यात्रियों को डुमरियागंज, सेमरियांवा, सिद्धार्थनगर, महुली, बभनान आदि रूटों के लिए ढोया जा रहा है। ट्रेन आने के बाद खाकी वर्दी की मौजूदगी में इन वाहनों में सवारी भरने की होड़ मच जा रही है। वाहन के छत पर लगेज और अंदर ठसाठस यात्री भरकर यह वाहन पांडेय बाजार के रास्ते हाईवे पकड़ ले रहे हैं। इन वाहनों में यात्रियों से मुंहमांगा किराया वसूल किया जा रहा है।

मूड़घाट, कटरा क्षेत्र से निकल रही बभनान की गाड़ी
शहर के मूड़घाट और कटरा क्षेत्र से गौर, बभनान के मिनी बसों का संचालन किया जा रहा है। अधिकतर की वैधता उम्र भी समाप्त हो चुकी है। बावजूद इसके यह बसें सवारियों को भरकर वाल्टरगंज के रास्ते बभनान तक जा रही हैं। इस रूट पर परिवहन विभाग की चेकिंग भी न के बराबर है। सिर्फ रास्ते में पड़ने वाले थाना और चौकियों से सेटिंग कर बसों को चलाया जा रहा है।

निर्मली कुंड से नंदौर के लिए चल रहीं बसें
रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर स्थित निर्मली कुंड के पास से नंदौर रोड के लिए खटारा बसों का संचालन प्रतिदिन किया जा रहा है। यहां से यात्री भरकर हंडिया चौराहे से होकर नंदौर तक इन वाहनों को पहुंचाया जा रहा है। बस्ती से नंदौर तक प्रति यात्री 80 रुपये किराया वसूल हो रहा है। वहीं इस रूट पर ऑल यूपी परमिट की बसें अनाधिकृत रूप से लोकल रूट की सवारियां ढो रही हैं। कमोवेश यहीं हाल बस्ती-महुली मार्ग और हर्रैया-बभनान एवं परशुरामपुर मार्ग का भी है।

सभी रूटों पर ऑटो भी तय कर रहे लंबी दूरी
जिले से निकलने वाली करीब सभी रूटों पर ऑटो भी लंबी दूरी तय कर रहे हैं। जबकि इन्हें जनपद के मध्य से सिर्फ 16 किमी की परिधि में चलने की अनुमति है। यह तीन पहिया वाहन 50 से 60 किमी की दूरी तक सवारी ढो रहे हैं। कचहरी चौराहे से टांडा, धनघटा, विक्रमजोत तक ऑटो से सवारियां ढोई जा रही हैं। वहीं रोडवेज, कटरा और बड़ेवन से बांसी, डुमरियागंज, मेंहदाव, खलीलाबाद तक की सवारियां ऑटो से पहुंचाई जा रही हैंं। फुल स्पीड में लंबी दूरी तय करने के दौरान यात्रियों पर खतरा भी रहता है।

बसों के लिए मंडल में 22 रूट का निर्धारण
परिवहन विभाग ने निजी बसों के लिए मंडल में 22 रूटों का निर्धारण किया है। इन पर कुल 123 बसों को परमिट जारी किया गया है। जबकि निजी बसों की वास्तविक संख्या मंडल में 400 के पार है। शेष बचे ऑल यूपी परमिट के सहारे चलाई जा रही हैं। जबकि ऑल यूपी परमिट पर सिर्फ बुकिंग के ही यात्री बैठाए जा सकते हैं। जिले में बसों के लिए बस्ती-नंदौर, बस्ती-बांसी, बस्ती-डुमरियागंज, बस्ती वाया कलवारी धनघटा, बस्ती-बभनान समेत आधा दर्जन प्रमुख रूट निर्धारित है।

क्यों नहीं मिलती है लोकल रूट की परमिट
दरअसल, लोकल रूटों पर परिवहन विभाग की ओर से बसों की संख्या भी निर्धारित है। एक रूट पर 10 से 12 बस ही चलाया जा सकता है। इस तरह सभी लोकल रूट पर निर्धारित बसों की संख्या के अनुसार परमिट दिया जा चुका है, इसीलिए नए वाहन के परमिट के लिए जगह खाली होने का इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या से जूझने से अच्छा नई बसों के लिए ऑल यूपी परमिट निर्गत कराई जा रही है। बाद में बिजली निगम से सेटिंग कर उन्हें किसी भी रूट पर चलाया जा रहा है।

यात्रियों का दर्द
लोकल रूटों पर यात्रा के लिए सवारी गाड़ियों की सुव्यवस्थित उपलब्धता नहीं है। कभी बस मिलती है तो कभी बनकटी तक ऑटो से जाना पड़ता है।
अजीत सिंह, मिश्रौलिया

लोकल रूटों पर डग्गामार वाहनों की भरमार है। रोडवेज की बस सेवा उपलब्ध नहीं है। विवश होकर खटारा प्राइवेट वाहनों में बैठना पड़ता है।
देवस्य मिश्र, दौलतपुर

सवारी वाहनों पर कोई लगाम नहीं है। यात्रियों से मनमाने ढंग से किराया वसूल किया जाता है। रेल से आने वाले प्रति यात्री से बस्ती से बांसी, डुमरियागंज एवं नंदौर तक 300 रुपये वसूल किया जा रहा है।
जियाउर रहमान, गांधीनगर

रोडवेज, स्टेशन और बड़ेवन पर हर समय डग्गामार वाहन सड़क पर ही सवारी भरते हैं। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता है। इससे शहर में जाम लगता है।
मनीष पांडेय, मुरलीजोत

कोट
डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। हमारे यहां बसों के लिए रूट निर्धारित है। जिन पर परमिट प्राप्त बसों के ही चलने की अनुमति है। चोरी छिपे यदि कोई बिना परमिट के सवारी ढोते पाा गया तो जुर्माना लगाया जाएगा।
फरीदुद्दीन, आरटीओ प्रशासन, बस्ती मंडल

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