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विश्वजीत राय
ई-केवाईसी नहीं कराने वाले 1.25 लाख किसानों पर मडरा रहे थे संकट के बादल
बैंक एकाउंट में नहीं जाएगी सम्मान निधि की 15वीं किस्त
किसानों की बढ़ी चिंता- अंगूठा नहीं लगने के कारण अधर में फंसी थी ई-केवाईसी, अब चेहरे से होगा वेरीफिकेशन
पडरौना। ई-केवाईसी नहीं कराने वाले जिले के 1.25 लाख किसानों को सम्मान निधि की 15वीं किस्त नहीं मिलेगी। बुजुर्ग किसानों के अंगूठा नहीं लगने के कारण डिजिटल वेरीफीकेशन नहीं हो पा रहा था, इसको लेकर किसान परेशान थे। अब कृषि विभाग के अफसरों ने इसका समाधान ढूंढ निकाला है। अब ऐसे किसानों का चेहरे से डिजिटल वेरीफीकेशन होगा। इसमें लापरवाही बरतने वाले किसानों को योजना से वंचित होना पड़ेगा।
कुशीनगर जिले में 1.25 लाख बुजुर्ग किसान ऐसे हैं, जिनके अंगूठे का प्रिंट डिजिटल मशीन पर नहीं लगने के कारण वेरीफीकेशन नहीं हो पा रहा था। इसकी वजह से ऐसे किसानों के सम्मान निधि पर संकट मडराने लगा था। फरवरी 2018 में इस योजना के लागू होने के बाद किसानों से बैंक पासबुक और अन्य कागजात जमा कराया गया।
पहली किस्त जिले के 55 हजार किसानों को मिली थी। अब किसानों की संख्या 6.40 लाख पहुंच गई है। अभी तक किसानों को सम्मान निधि की 14वीं किस्त मिल चुकी है। जुलाई 2021 में ई-केवाईसी अनिवार्य किए जाने के बाद किसानों के आवेदनों में गडबड़ियां मिलनी शुरू हो गई। इसमें 1.25 लाख ऐसे किसान मिले, जिनके अंगूठे का प्रिंट थम्ब मशीन पर काम नहीं कर रहा था और इनकी ई-केवाईसी अधर में फंस गई।
हाल ही में कृषि विभाग की ओर से एक साॅफ्टवेयर लांच किया गया है। अब किसानों की ई-केवाईसी चेहरा की फोटो खींचने के बाद हो जाएगा। अब ई-केवाईसी कराने में लापरवाही बरतने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि से वंचित होना पड़ेगा।
ढूंढे नहीं मिल रहे 19 हजार किसान
कृषि विभाग 19 हजार किसानों को तीन साल से ढूंढ रहा है। पोर्टल पर किए गए किसानों का पता नहीं है। जिले के 14 ब्लॉकों के गांवों में इन किसानों को ढूंढने के लिए 105 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। आवेदन के दौरान दिए गए मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ बता रहे हैं। तीन बार विभाग की ओर से इन किसानों का सत्यापन कराया जा चुका है। लेकिन पता नहीं चल रहा है। अगर इनका पता नहीं चलता है तो 10 अक्तूबर तक इनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
कोट
ई-केवाईसी से वंचित किसानों की सम्मान निधि की 15वीं किस्त रोकने का निर्देश मिला है। जिन किसानों का अंगूठा नहीं लग पा रहा था। उनकी ही ई-केवाईसी फंसी थी। अब ऐसा साॅफ्टवेयर लांच हुआ है कि चेहरा देखकर वेरिफिकेशन हो जाएगा। इसमें लापरवाही बरतने वाले किसान योजना से वंचित कर दिए जाएंगे।
-आशीष कुमार, उप कृषि निदेशक, कुशीनगर