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शेर मोहम्मद
देवरिया। भूमि विवाद में फायरिंग और आगजनी की घटना के बाद शहर के मेहड़ा पुरवा वार्ड में करीब दो घंटे तक दहशत का माहौल रहा। पहले मारपीट और विवाद की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन, मामला बढ़ने पर सभी ने घरों में छिपकर अपनी जान बचाई। फायरिंग के बीच हर कोई इधर-उधर छिपने लगा। इसकी बीच जलती कार से भी धमाकों की आवाज आने लगी। लोग कहने लगे कि इसमें कारतूस है। किसी बड़े विस्फोट की आशंका से लोग भाग खड़े हुए। महिलाओं के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई देने लगी। देखते ही देखते पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
रविवार की सुबह छुट्टी के कारण सुबह ज्यादातर लोग घरों में सुकून से थे। करीब साढ़े नौ बजे एक पक्ष के लोग कई वाहनों और कार से सवार होकर पहुंचे। दूसरे पक्ष से कहासुनी के बाद कुछ ही पल में मारपीट शुरू हो गई। एक-दूसरे पर लोग हमलावर हो गए। पूर्व ब्लाॅक प्रमुख पक्ष और दूसरे पक्ष की ओर से ताबड़तोड़, लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर चलने लगे। कार और बाइक पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। यह देख बाइक छोड़कर एक पक्ष भाग खड़ा हुआ। कुछ ही पल में घायलों की चीख सुनाई पड़ने लगी। इसी बीच किसी ने सूचना पुलिस को दी। दो बाइक पर सवार कुछ पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे तो वे भी अपने आपको असहाय महसूस करने लगे। इसके बाद वायरलेस सेट पर गूंज उठा कि सभी अपाची दस्ता मेहड़ा पुरवा पहुंचें। कुछ देर में ही मेहड़ा पुरवा पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। कोतवाल, एएसपी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया। एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जानकारी ली।
कई बार हो चुका है इस भूमि के लिए विवाद, अब बड़ी अदावत की पड़ गई नींव
देवरिया। जिस भूमि और रास्ते के विवाद के नाते बवाल हुआ है उसको लेकर दोनों पक्षों में कई बार कहासुनी हो चुकी है। इसको लेकर पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया। इसके कारण रविवार को बड़ा विवाद हो गया। संयोग रहा कि बड़े बवाल के बीच कोई अनहोनी नहीं हुई। पर इतना जरूर है कि एक बड़ी अदावत की शुरुआत हो गई है।
शहर का मेहड़ा पुरवा पहले गांव था। इस साल नगर विस्तार होने के कारण इसे वार्ड बनाया गया है। गांव शहर के रूम में तब्दील होने के कारण जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं। चारों तरफ प्लाॅटिंग हो रही है। जिस जमीन का विवाद चला आ रहा है। उसे महाराणा प्रताप, महेंद्र का पक्ष प्लाॅटिंग करा रहा था। इसको लेकर शनिवार को सदर एसडीएम भी मौके पर गए थे। उन्होंने भी विवाद के बारे में जानकारी ली थी। इस वार्ड में गोलबंदी बहुत पुरानी है। ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर भी यहां पर कई गुटों में आपसी रंजिश चली आ रही है। यहां तक कि इस गांव में करीब 50 से अधिक असलहे लाइसेंसी हैं। जिन दोनों परिवारों में बवाल हुआ है, इन परिवारों में भी कई लाइसेंसी असलहाधारक हैं। घटना के बाद गांव के लोगों में चर्चा हो रही थी कि यह बवाल आगे भी बढ़ सकता है। बड़ी अदावत की नींव पड़ गई है। अगर दोनों पक्षों में समझौता नहीं हुआ तो भविष्य में अनहोनी हो सकती है।
दोनों पक्षों में भूमि का विवाद चला आ रहा है। इसी को लेकर रविवार को आपस में भिड़ गए। वाहन फूंक दिए गए हैं। अभी तहरीर नहीं मिली है। मामले की जांच की जा रही है। फायरिंग की पुष्टि नहीं हो पा रही है। असलहों के बारे में ब्योरा जुटाया जा रहा है।