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शेर मोहम्मद
रुद्रपुर, देवरिया। रुद्रपुर तहसील क्षेत्र का फतेहपुर गांव हत्या जैसी नृशंस वारदात को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। इससे पहले वर्ष 2006 में वर्चस्व की लड़ाई में यहां गोलियां तड़तड़ाईं थीं। उस समय ग्राम प्रधान के बेटे और भलुअनी के तत्कालीन ब्लाॅक प्रमुख के साले की हत्या कर दी गई थी। तब फतेहपुर प्राथमिक स्कूल पर एक अतिरिक्त कक्ष के उद्घाटन को लेकर ग्राम प्रधान और ब्लाॅक प्रमुख के बीच खूनी संघर्ष शुरू हो गया था।
सोमवार को लेहड़ा टोले पर हुए नरसंहार की रोगंटे खड़े कर देने वाली घटना से फतेहपुर दोबारा दहल उठा। इस घटना में एक पक्ष के एक शख्स की हत्या के बाद उपजे आक्रोश में मृतक के परिवार के लोगों ने आरोपी परिवार के पांच लोगों की चुन-चुनकर हत्या कर दी। फतेहपुर में खूनी संघर्ष की कहानी नई नहीं है। 17 साल पहले तबके ग्राम प्रधान मदन निषाद ने तत्कालीन विधायक को अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया था। लोकार्पण के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तत्कालीन ब्लाॅक प्रमुख से शिलापट पर नाम न खुदवाने को लेकर कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा की दोनों तरफ से गोलियां चलने लगीं। एक पक्ष से प्रमुख के साले टड़वा गांव के रहने वाले मांधाता सिंह और दूसरे पक्ष से ग्राम प्रधान के पुत्र रामप्रेवश निषाद गोली का शिकार हो गए। दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना में दो महिलाओं की मांग का सिंदूर मिट गया था। 17 साल बाद सोमवार को हुई घटना ने उस समय के दृश्य को ताजा कर दिया।