पटहेरवा थाना क्षेत्र में दलित नाबालिक से दरिंदगी का मामला

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
प्रवीण शाही 

 

जनपद कुशीनगर के थाना पटहेरवा पुलिस कारवाई को पचा नहीं पा रही आम जनता।
घटना, पुलिस कहानी और पीड़ित की मजबूरी
पुलिस कप्तान के संज्ञान में आने के बाद हुई करवाई, घटना के बाद थाने पर पंचायत में पहुँचा था आरोपी
वैसे इस तरह के मामलों पुलिस की सक्रियता लगभग रहती हैं, लेकिन इतने गम्भीर मामले में पटहेरवा पुलिस से कैसे चूक हो गयी यह समझ में नहीं आ रहा।
पुलिस सूत्रों और आम लोगों पर विश्वास कर तो यह घटना तीन दिन पूर्व की हैं। जब पीड़ित थाने पहुँची तो उसे आरोपियों को ठीक करने की बात कह इस घटना पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया गया। पीड़ित दलित वर्ग से आते हैं और उनकी माली हालत बेहद खराब हैं। इस लिए वह अपने भाग्य को कोस रो रहे थे। तब ग्रामीणों ने उनका आंसू पोछने का प्रयास कर इस घटना की जानकारी मीडिया तक पहुँचाई। पूरी घटना सोसल मीडिया पर वायरल हुआ। जिले के तेज तर्रार पुलिस कप्तान धवल जायसवाल ने घटना का संज्ञान लिया। फिर पुलिस ने पीड़ित को बुला करवाई शुरू की। चर्चा है कि पटहेरवा पुलिस ने पीड़ित पक्ष को थाने के अंदर बैठा उनको मदद का भरोसा देकर तहरीर लिखवाई गयी। चर्चा यह भी है कि तहरीर भी ……? फिर उन्हें अपने हिसाब से अपने कहानी का ज्ञान भी दिया। खैर देर से सही पुलिस ने अपने कर्तव्य को निभाने की जहमत उठाई।

चर्चा तो यह भी है कि पीड़ित थाने पहुँची थी तो मुख्य आरोपी थाने में कुर्सी पर बैठ पंचायत कर रहा था। यानी पुलिस को घटना के बाद जब पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की तो आरोपी थाने में था। पुलिस ने तब पीड़ित को घर भेज दिया था। और आरोपी थाने के एक चर्चित सिपाही के साथ थाने से निकल चाय की चुस्की लेकर आराम से चला गया।

वहीं इस बात की भी चर्चा है कि पीड़िता जिस युवक को अपना मुंहबोली भाई बता रही। पुलिस उसे मामला दर्ज करने के बाद से ही थाने में बैठा रखी हैं। पीड़ित पक्ष उसे अपने परिवार का हमदर्द बता रहा। असली माजरा क्या हैं यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन यह भी उतना ही सच हैं कि मुख्य आरोपी को पुलिस पकड़ने में नाकाम हैं और पीड़ित पक्ष जिस युवक को अपना सहयोगी बता रही वह पुलिस के गिरफ्त में …….? चर्चा है कि पुलिस उक्त युवक को जांच के नाम पर बैठा रखी हैं, अंदर की बात क्या हैं। यह घटना को लेकर नया अपडेट आने के बाद ही पता चलेगा।

वैसे जो भी हो यह मामला पुलिस के लिए सरदर्द बना हुआ हैं। पुलिस के कार्यशैली पर सवाल किए जा रहे। साथ ही लोग गर्व से यह भी कह रहे कि पुलिस कप्तान के रूप में धवल जायसवाल के रहते मातहत कितनी भी होशियारी कर ले, उनके नजरों से बच नहीं सकते।
आम आदमी यह भी कह रहा कि पुलिस कप्तान धवल जयसवाल के रहते इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं कर पायेगा।

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