12 घंटे के अन्दर खुल गया बच्चा बदलने वाले अस्पताल का सील

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय
सफल समाचार

डॉक्टरों के दबाब मे झुका प्रशासन
अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी डाक्टर को नही भेजा गया जेल

कुशीनगर हास्पिटल में बच्चा बदलने के मामले में परिजनो द्वारा किये गये हंगामे के बाद सील हुआ अस्पताल महज बारह घंटे मे खुल गया। इतना ही नही इस मामले को लेकर पीड़ित के तहरीर हास्पिटल के संचालक

यह सब कुछ आरोपी चिकित्सक के बचाव मे उतरे जिले के प्राइवेट चिकित्सको के दबाब मे हुआ है। घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है चर्चा-ए-सरेआम है कि चोरी और सीनाजोरी के तर्ज पर निजी क्षेत्र के डाक्टरों के दबाव मे आकर प्रशासन ऐसे ही कार्रवाई करेगी तो फिर लोगो की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले चिकित्सको पर कब और कैसे नकेल कसेगा। पीड़ित परिजनो का आरोप है जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर पर बच्चा बदलने का खेल लंबे समय से चल रहा है। यह पहली घटना उजागर हुआ है। इस हास्पिटल की निष्पक्ष तरीके से मजिस्ट्रेटी जांच करायी जाये तो हास्पिटल मे हो रहे तमाम घृणित कार्यो का पोल खुल जायेगा।

गौरतलब है पडरौना नगर के जटहा रोड पर संचालित जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर को प्रशासन ने गुरुवार देर शाम को सील कर दिया। इसके अलावा पीड़ित परिजन के तहरीर पर काफी हंगामे के बाद पुलिस ने उसी रात हास्पिटल संचालक डॉ. रवि जायसवाल पर धारा-363, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी चिकित्सक को हिरासत में ले लिया था। इसकी जानकारी जब नगर के चिकित्सको को हुई तो वह उसी समय कोतवाली पहुच गये और कोतवाली मे नगर के चिकित्सको का जमघट लग गया। बताया जाता है कि इस दौरान आरोपी चिकित्सक डाँ. रवि जायसवाल के बचाव मे उतरे सभी प्राइवेट डाक्टर जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर का मानवीय भूल का तर्क देकर मामले को रफा-दफा करने के लिए हर अस्त्र अपनाने लगे। बताया जाता है कि आरोपी चिकित्सक रवि जायसवाल पर कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित परिजन जब धरना पर बैठ गये तो पुलिस ने आरोपी चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज कर चिकित्सक को थाने मे बैठा लिया। इसके बाद रवि जायसवाल के बचाव पक्ष मे कोतवाली मे इकट्ठा हुए चिकित्सक आरोपी को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने लगे।

आरोपी चिकित्सक के बचाव मे प्राइवेट डाक्टर डीएम व एसपी से मिले

घटना के दुसरे दिन शुक्रवार को सुबह नगर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों के निजी चिकित्सक अपना हास्पिटल बंदकर आईएमए के बैनर तले जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर के संचालक डाँ. रवि जायसवाल को छुडाने कोतवाली पहुचे और हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टरों का तेवर देखने के बाद पुलिस ने हिरासत में लिये गये आरोपी डॉ. रवि जायसवाल को निजी मुचलका पर छोड दिया। इसके बाद डॉक्टर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलने जिला मुख्यालय गये। दोनो अधिकारियों से मिलकर डाक्टरों ने जीवनदीप हास्पिटल व संचालक रवि जायसवाल पर किये गये कार्रवाई को गलत बताते हुए पीड़ित परिजनो द्वारा हंगामा करने की वजह से कार्रवाई का तर्क दिया। डीएम और एसपी से मिलकर चिकित्सको ने हास्पिटल मे बदले गये बच्चे को मानवीय भूल करार देते हुए हास्पिटल खुलवाने की बात कही। हास्पिटल खुलने की जानकारी जब पीड़ित पक्ष को हुई तो प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया।

फ्लैशबैक
कहना न होगा कि रामकोला थाना के विजयीपुर तिराहा निवासी दीपलाल कुशवाहा की पत्नी अंजली को 29 सितंबर को सीएचसी पर सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ। बच्चे की तबीयत बिगड़ने कारण डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान आराम नहीं मिलने पर एक दलाल के बहकावे में आकर परिजन एक अक्टूबर को उस बच्चे को लेकर पडरौना के जटहां रोड स्थित। जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर अस्पताल पहुंचे जहा चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया। इलाज के दौरान बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ। गुरुवार को चिकित्सक ने बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया। उसके बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों से 38 हजार रुपये इलाज के नाम पर खर्च धनराशि जमा कराया गया। परिजनों का आरोप है कि जब नवजात को डिस्चार्ज किया गया तो स्टाफ नर्स ने उन्हें बेटे की जगह बेटी थमा दिया। परिजनों का कहना है कि इसकी शिकायत लेकर जब वह डाँ. रवि जायसवाल के पास पहुचे तो डाक्टर गाली-गलौज कर उन्हें हास्पिटल से धक्का देकर गेट से बाहर निकलवा दिया। फिर इसको लेकर हंगामा शुरू हुआ। मौके पर पहुची पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा खंगाला तो पता चला कि एक गांव की रहने वाली महिला अंजली के बेटे से पहले अस्पताल से डिस्चार्ज की गई थी वह अपनी बेटी की जगह अंजली का बेटा लेकर चली गई है। पुलिस की मदद से बदला गया बच्चा मिल गया। पुलिस बेटे को लेकर थाने चली गई और दोनों पक्षों को भी वहीं चलने को कहा, लेकिन तीमारदार अस्पताल संचालक डाँ. रवि जायसवाल पर कार्रवाई और हास्पिटल को सील कराने की मांग पर अडिग रहे। इसके बाद प्रशासन ने जीवनदीप हास्पिटल को सील कर दिया और पुलिस डाँ रवि को हिरासत मे लेकर कोतवाली आ गयी। इसके बावजूद परिजन देर रात तक पुलिस की मौजूदगी में डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे रहे। रात्रि तकरीबन दस बजे कोतवाली पुलिस ने परिजनो के तहरीर के आधार पर जीवनदीप हास्पिटल के संचालक व बाल रोग विशेषज्ञ डाँ. रवि जायसवाल के खिलाफ अपराध संख्या – 948/23 धारा – 363,504 व 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद परिजन धरना से उठे।

पीडिता बोली- सीएम से करेगी शिकायत

पीडिता अंजली का कहना है कि दोषी डाक्टर को बचाने के लिए सभी चिकित्सक एक जुट हो गये। पीडिता ने कहा किअस्पताल संचालक व प्रशासन के मिलीभगत से सील हुए अस्पताल को बारह घंटे के भीतर खोल दिया गया है। अगर प्रशासन कार्रवाई में लीपापोती करेगा तो सीएम से मिलकर शिकायत करूंगी।

 सीएमओ बोले-

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि डीएम के आदेश पर निजी अस्पताल का सील तोड़ा गया है। लेकिन जांच चलेगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

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