विश्वजीत राय
सफल समाचार
कुशीनगर। जिले में पासपोर्ट सत्यापन में धनउगाही का खेल लंबे समय से चल रहा है। इस बारे में मिली शिकायत की जांच में यह बात साबित भी हो गई। इस मामले में एलआईयू इंस्पेक्टर सहित दो हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। इन पर पासपोर्ट सत्यापन में अनियमितता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की गई है।
कुशीनगर जिले से विदेश जाने वाले लोगों की तादाद अच्छी-खासी रही है। कम समय में अधिक रुपये कमाने की उम्मीद में लोग खाड़ी देशों में अधिक जाते हैं। इसके अलावा विदेशों में घूमने के उद्देश्य जाने की इच्छा रखने वाले लोग भी पासपोर्ट बनवाते हैं। इसके लिए आवेदन करने के बाद आवेदक का सत्यापन किया जाता है। इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाने के साथ-साथ एलआईयू (लोकल इंटेलीजेंस यूनिट) को भी मिली है।
ये आवेदक के बारे में मुकदमे, चाल-चलन आदि के बारे में पूरी जानकारी करने के बाद आवेदन पर अपनी रिपोर्ट लगाते हैं, लेकिन यह काम इतनी आसानी से नहीं हो पाता है। इसके बदले एलआईयू के लोगों को चढ़ावा भी देना होता है।
बताया जाता है कि प्रति रिपोर्ट 1500 से 2000 रुपये तक की मांग की जाती है। चढ़ावा न मिलने पर आवेदन पत्रों में अड़चनें डाल दी जाती हैं, जिससे थक हारकर आवेदक को उनकी बात माननी ही पड़ती है। चर्चा यह भी रहती है कि एलआईयू के सिपाही अपने निजी व्यक्तियों को लगाकर भी पासपोर्ट सत्यापन कराते हैं और वे निजी व्यक्ति धनउगाही करते हैं।
एलआईयू कुशीनगर का मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद इसके लिए विशेष रूप से चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद पासपोर्ट सत्यापन में अनियमितता की शिकायतें सामने आईं तो एसपी से जांच कराने को कहा गया। एसपी की जांच में आरोप सही पाया गया, जिसके बाद एलआईयू इंस्पेक्टर एवं एलआईयू के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, एलआईयू कार्यालय के हेड कांस्टेबल सौरभ सिंह तथा पासपोर्ट सेल के हेड कांस्टेबल नुरुल इस्लाम को निलंबित कर दिया गया है।
पासपोर्ट वेरीफिकेशन में अनियमितता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही पाए जाने पर एलआईयू के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव तथा दोनों हेड कांस्टेबल को निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ पासपोर्ट वेरीफिकेशन में अनिमियतता तथा कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायत मिली थी। जांच में आरोप सही पाए गए, जिससे यह कार्रवाई हुई है।
-धवल जायसवाल, पुलिस अधीक्षक
आईजी ने दी थी चेतावनी
आईजी गोरखपुर रेंज जे. रविंद्र ने अभी लगभग एक सप्ताह पूर्व ही निर्देश दिया था कि पुलिस किसी को सत्यापन के लिए थाने नहीं बुलाएगी। यह जिम्मेदारी थाने पर मुंशी के पास भी नहीं होगी। बीट सिपाही अपने इलाके में आवेदक के घर जाकर रिपोर्ट लगाएंगे। अगर कहीं पर भी वसूली की शिकायत आई तो केस दर्ज कर आरोपी पुलिसकर्मी को जेल भी भेजा जाएगा। शिकायत के लिए आईजी ने सीयूजी नंबर 9454400209 भी जारी किया। उन्होंने बताया था कि अगर रुपये मांगे जाते हैं तो सीधे मैसेज भेजकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। आईजी की तरफ से गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर के एसपी को इस बारे में पत्र भेजकर चेतावनी दी थी। कुशीनगर एलआईयू के बारे में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद जांच में आरोप की पुष्टि होते ही यह कार्रवाई की गई है।