पराली और पटाखों ने हवा में घोला जहर, छाई धुंध, सांस लेने में दिक्कत

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय
सफल समाचार

पडरौना। दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई। इस कारण शहर की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई। धुएं से पूरे शहर में धुंध छा गई, तो दूसरी ओर पराली से भी वाय प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है।

रविवार की सुबह शहर की एक्यूआई 163 दर्ज किया गया। वहीं सोमवार की सुबह बढ़कर 201 हो गया। मंगलवार को शहर की एक्यूआई 156 दर्ज किया गया। डाॅक्टरों की माने तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

सोमवार की सुबह करीब सात बजे बाईपास रोड स्थित जगदीशपुरम कॉलोनी सेे आगे बढ़ने पर धुंध छाई रही। मंगलवार की सुबह भी इसका असर दिखा। शहर के अन्य हिस्सों में धुंध का असर दिख रहा है। विशेषज्ञों की माने तो प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के कारण सब हो रहा है।

जिला मुख्यालय रोड पर सोहरौना के आगे बढ़ने पर धुंध दिखता है। रामकोला रोड पर भटवलिया से आगे जाने पर धुंध की चादर दिखती है। रामकोला के जितेंद्र मिश्र ने बताया कि सुबह शाम धुंध ज्यादा दिख रहा है। इसकी वजह से 20 मीटर की दूरी ठीक से नहीं दिखती है।

दीवाली पर तेज धुएं वाले पटाखे खूब जलेे। इससे वायु प्रदूषण का स्तर थोड़ा खराब हुआ। वहीं दूसरी तरफ धुंध व प्रदूषण के चलते लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है।

बुजुर्गों को जहां सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वहीं आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। हवा का एक्यूआई औसत आधार पर 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब तक होना चाहिए।

पटाखे जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। अब भी ऐसा है। हवा में दिख रहे धुएं की चादर पटाखों के धुएं के कारण ही है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी नुकसानदायक है।

– डॉ. संजीव सुमन, प्रभारी चिकित्साधिकारी, पुरूष एवं नेत्र चिकित्सालय, पडरौना

सीधे तौर पर पटाखों से निकला जहरीला धुआं है

प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जांच की जाती है कि वायु में पीएम (परटिक्यूलेट मैटर) 2.5 व पीएम 10 कितना है। ये पता होने के बाद दोनों का औसत निकाला जाता है। जिसे औसत एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) कहा जाता है। इस एक्यूआई से ही पता चलता है कि हवा में कितना प्रदूषण है। इस समय यह एक्यूआई काफी ऊपर पहुंच चुका है। इसका कारण सीधे तौर पर पटाखों से निकला जहरीला धुआं है।
वायु प्रदूषण से लोगों को थकान, कमजोरी और सांस फूलने की सबसे अधिक समस्या होती है। सीओपीडी व दमा के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह है। प्रदूषण उनके रोग को और बढ़ा देता है। सुबह-शाम घर के अंदर व्यायाम करना चाहिए। बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर ज्यादा न घूमें। नवंबर माह में अस्थमा के मरीजों को अतिरिक्त एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

– डॉ. अजय कुमार शुक्ला, फिजीशियन

ऐसे समझें एयर क्वालिटी इंडेक्स

एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) हवा की गुणवत्ता को बताता है। इससे पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है। एक्यूआई की गुणवत्ता के आधार पर छह अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। इसमें 0-50 अच्छी, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401 से 500 एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में रखा गया है।

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