विश्वजीत राय
सफल समाचार
कसया। उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट भेजने व दस्तावेजों में हेराफेरी करने वाले लेखपाल व दरोगा सहित चार के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। बिना किसी आदेश के पीड़ित के घर रात में जाकर निर्माण को अवैध बताकर गिराने की धमकी देने के साथ झूठे मामले में जेल भेजे जाने के मामले में कोर्ट में परिवार दाखिल किया गया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कसया दिनेश कुमार ने क्षेत्रीय लेखपाल व दरोगा सहित चार के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है।
कसया के ग्राम सभा डुमरी सूखा टोला वर्तमान अवैद्यनाथ नगर निवासिनी अधिवक्ता सुमन सिंह ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि वह अपने बाबा को मिले पट्टे की भूमि व चकबंदी के दस्तावेजों में सामान्य आबादी के लिए सुरक्षित भूमि पर निर्माण कार्य करा रही थीं। शटरिंग का काम हो चुका था, लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल ने छत ढलाई करने के लिए उनके पिता से 50,000 रुपये की मांग किया। रुपये न देने पर क्षेत्रीय लेखपाल ने दरोगा को लेकर बिना जीडी में रवानगी व बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के रात में 10:30 बजे उनके घर पहुंचे। जहां आने के बाद शटरिंग गिरा दी। रात में ही अपमानजक शब्दों का प्रयोग किया। वहीं, धमकी दी कि यदि निर्माण हो गया तो सबको जेल भेज दिया जाएगा। पीड़िता ने इस बात का वीडियो बना लिया और दूसरे दिन इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़िता ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। न्यायालय की ओर से साक्ष्य संकलन के बाद थाने से जांच कर आख्या मांगी गई।
कसया थाना की ओर से भेजी गई आख्या से असंतुष्ट होकर परिवादी के बयान, उसके दो गवाहों के बयान व अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कसया दिनेश कुमार ने तत्कालीन लेखपाल तहसील कसया राजन मिश्रा, तत्कालीन दरोगा थाना कसया रवि भूषण राय, संतोष सिंह तथा राम मिलन सिंह को विचारण के लिए तलब कर लिया। सम्मन पर हाजिर न होने के कारण न्यायालय ने इनके विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है।