बस्ती। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना की अदालत ने मकान पर कब्जा करने के लिए 17 वर्षीय किशोर की हत्या के मामले में मां और उसके दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश ने प्रत्येक पर 18500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
डीजीसी परिपूर्णनंद पांडेय व एडीजीसी कमलेश चौधरी ने अदालत को बताया कि मामला दुबौलिया थाना क्षेत्र के विशेषरगंज कस्बे का है। राम जियावन ने नौ मार्च 2017 को पुलिस को तहरीर देकर बताया कि छह मार्च 2017 को काली प्रसाद पत्नी लालमती, तीन बेटों जितेंद्र सोनी, विकास व नीरज सोनी के साथ दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उनके घर में घुस आए और परिवार वालों को मार पीटकर जेवरात व नकदी लूट ले गए। इसकी सूचना राम जियावन ने पुलिस को दी।
इससे खफा होकर उक्त सभी लोग उसी दिन रात सात बजे उसके घर पहुंचे गालियां और जान से मारने की धमकी देते हुए पीड़ित की नाबालिग बेटी पुष्पा पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया। पुष्पा गंभीर रूप से झुलस गई। डायल 112 पुलिस उसे लेकर सीएचसी हर्रैया पहुंची। चिकित्सक ने स्थिति गंभीर देखकर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां भी हालत में सुधार न देख चिकित्सक ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
मजिस्ट्रेट ने घायल किशोरी का मृत पूर्व बयान दर्ज किया। 13 मार्च को इलाज के दौरान गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पुष्पा की मौत हो गई। पुलिस ने विवेचना में पांचों के विरुद्ध आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान काली प्रसाद व विकास की मौत हो गई। शेष तीन का ट्रायल न्यायालय में चला। 10 गवाहों ने गवाही देकर घटना को साबित किया। न्यायाधीश ने मृत पूर्व बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मेडिकल परीक्षण के आधार पर तीनों आरोपियों का आजीवन कारावास की सजा सुनाई।