सुनीता राय
सफल समाचार
एयरफोर्स की तर्ज पर गोरखनाथ मंदिर भी जल्द ही रेड जोन में शामिल होगा। रेड जोन में ड्रोन नहीं उड़ा सकेंगे। रेड जोन से 12 किलोमीटर की परिधि को येलो जोन में रखा गया है। यहां 200 फीट की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ा सकते हैं, लेकिन इसके ऊपर की ऊंचाई पर जाने के लिए अनुमति लेनी होगी। नहीं तो पकड़े जाने पर केस भी दर्ज होगा। ड्रोन भी जब्त कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।
इस व्यवस्था का मकसद है कि ड्रोन की मदद से आंतरिक सुरक्षा को खतरा न होने पाए। यानी शादी में ड्रोन उड़ाने में दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर फोटोग्राॅफी व वीडियोग्राॅफी का शौक है और अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाना है तो अनुमति लेनी होगी। इसका प्रोफाॅर्मा एसपी कार्यालय से मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक, ड्रोन पॉलिसी-2023 को उप्र कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। नए बदलाव के बारे में शुक्रवार को एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि शहर को तीन जोन में बांटा गया है। रेड, येलो और ग्रीन। रेड जोन में वर्तमान में एयरपोर्ट को रखा गया है, जिसके आसपास किसी को भी ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, एयरपोर्ट ने जीरो टैग भी किया है, और यहां ड्रोन उड़ भी नहीं सकता है। जबकि येलो जोन और ग्रीन जोन के लिए ड्रोन उड़ाने का मानक तय किया गया है।