मनमोहन राय
सफल समाचार
महराजगंज/सोनौली। ईरानी नागरिक बीते एक साल से दिल्ली के करोल बाग के एक होटल में अवैध रूप से रह रहे थे। दिल्ली से दोनों बस से गोरखपुर फिर वहां से दूसरी बस से सोनौली पहुंचे। दोनों सीमा पार करने की फिराक में थे। कागजात फर्जी होने के कारण ये नेपाल से ईरान जाने की तैयारी कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से दोनों को दबोच लिया गया है। पूछताछ में दोनों ने सुरक्षा एजेंसियों को अहम जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, आव्रजन कार्यालय के अधिकारियों ने शनिवार देर शाम ईरान के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया। दोनों एक साल से भारत में अवैध रूप से निवास कर रहे थे। नेपाल जाने के दौरान पकड़े गए। ईरान नागरिक सोलत कर्मालू को अनाधिकृत तरीके से बार्डर पार करने के प्रयास में पकड़ लिया गया। इसके बाद जब उसके साथी के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका नाम राशिद समददोकनालू है, जो नेपाल इमीग्रेशन चला गया है। जिस पर नेपाल इमीग्रेसन के अधिकारियों से संपर्क किया गया और भारतीय इमीग्रेशन कार्यालय की प्रकियाओं को पूर्ण करने के लिए भारत-नेपाल बार्डर तक पकड़कर लाने का अनुरोध किया। इसके बाद दोनों नागरिकों को भारतीय इमिग्रेशन कार्यालय लाया गया। इमिग्रेशन प्रक्रिया के तहत सोलत कर्मालू के पासपोर्ट जारी करने की तिथि 06 नवंबर 2021, समाप्ति की तिथि 06 नवंबर 2026 के यूसीएफ की जांच हुई, तो पता चला कि आगंतुक वीजा 18 सितंबर 2022 को जारी किया गया था, जिसकी समाप्ति 17 दिसंबर 2022 तक थी। इसी पर 11 नवंबर 2022 को भारत आया था। ये दोनों तेहरान, ईरान के मूल निवासी हैं। इमिग्रेशन प्रक्रिया के तहत जब दूसरे साथी राशिद समददोकनालू के पासपोर्ट की जांच की तो जारी करने की तिथि 18 अगस्त 2019 मिली। समाप्ति की तिथि 17 अगस्त 2024 अंकित मिला। जांच में पता चला की आगंतुक वीजा 18 सितंबर 2022 को जारी किया गया था। जिसकी समाप्ति की तिथि 17 दिसंबर 2022 तक थी। इसी वीजा पर 11 नवंबर 2022 को भारत आया था। क्षेत्राधिकारी नौतनवा आभा सिंह ने बताया कि पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेजा दिया गया है।