मनमोहन राय
सफल समाचार
रायबरेली के लालगंज में आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना स्थित डॉ. अरुण के आवास का मंजर रूह को कंपा देना वाला था। सिर्फ आसपास के लोग ही नहीं, बल्कि पुलिस अफसर भी अंदर का नजारा देखकर दंग थे। डॉक्टर अरुण तो फंदे से लटक रहे थे और उनकी पत्नी अर्चना सिंह, बेटी अदीवा (12) और बेटे आरव (4) के शव बेड पर पड़े थे।
सभी के सिर पर चोट के गंभीर निशान थे। अर्चना का चेहरा खून से सना था। आवास में रखा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिला और उसके दो बच्चों की हत्या कितनी बेरहमी से हुई होगी।
खास बात ये भी है कि इतनी बड़ी वारदात की जानकारी उनके आसपास रहने वाले अन्य लोगों को भी नहीं हुई। सोमवार और फिर मंगलवार को पूरे दिन परिजन चिकित्सक और उनके बच्चों से बात करने के लिए फोन मिलाते रहे, लेकिन बात नहीं हो पाई। मंगलवार की देर रात पुलिस अफसरों की मौजूदगी में आवास का ताला ताला तोड़ा गया तो नजारा देख कर लोग सहम गए।
यह ऐसा दृश्य था, जो शायद ही आरेडिका में रहने वाले लोगों ने कभी नहीं सोचा भी नहीं था। अर्चना के मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। गले को भी ग्राइंडर से रेता गया था। इसके बाद उसे हथौड़े के वार के निशान थे।