मनमोहन राय
सफल समाचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को लागू करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए विदेशी मदिरा, बीयर, भांग, मॉडल शॉप दुकानों की वार्षिक लाइसेंस फीस पर 10 फीसद की वृद्धि की गयी है। लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और कोटा बढ़ाने से देशी शराब की बोतल पर न्यूनतम सात रुपये की वृद्धि हो सकती है। वहीं, एयरपोर्ट की तर्ज पर मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब की फुटकर दुकानों को खोला जा सकेगा। हालांकि इसके लिए रेल मंत्रालय और यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन की अनुमति आवश्यक होगी।
आबकारी राज्मंयत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि नई नीति में सड़क पर खड़े होकर बीयर पीने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए व्यवस्था की गयी है। बीयर दुकानों के लिए उपभोग की सुविधा, ऑनलाइन आवेदन मिलने पर डीएम की मंजूरी के बाद जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जारी की जाएगी। इसके लिए न्यूनतम 100 वर्ग फीट का अलग परिसर (परमिट रूम) दुकान की 20 मीटर की परिधि के अंदर होना चाहिए। परमिट रूम की सुविधा 5 हजार रुपये वार्षिक शुल्क पर दी जाएगी। इसमें कैंटीन का सुविधा की अनुमति नहीं मिलेगी।
इसके अलावा बार लाइसेंसधारक के परिसर से संबंधित भवन के दूसरे परिसर अथवा टेरेस में अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना के लिए भी आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए लाइसेंस फीस का पांच प्रतिशत या 2.50 लाख रुपये, जो अधिक हो, शुल्क लिया जाएगा। कुछ बार लाइसेंस और क्लब बार की लाइसेंस फीस में वृद्धि की गयी है। इवेंट बार, समारोह बार लाइसेंस की अधिकतम अवधि 12 घंटे और रात्रि 12 बजे तक ही होगी। प्रीमियम रिटेल दुकानों में बिक्री के लिए अनुमन्य एसेसरीज में टॉनिक वाटर और कॉकटेल मिक्सर्स शामिल होंगे। लेकिन ऐसे नॉन एल्कोहलिक पेय पदार्थ अनुमन्य नहीं होंगे, जिनके ब्रांड के नाम, पैकिंग, लेबिल आदि किसी मदिरा ब्रांड से मिलते-जुलते हों, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो।
ये भी नीति में खास
– फुटकर दुकानों का आवंटन नवीनीकरण से होगा, डिजिटल पेमेंट की सुविधा रखना अनिवार्य होगा।
– किसी ब्रांड के पंजीकरण, नवीनीकरण के लिए ट्रेड मार्क पंजीकरण अनिवार्य नहीं होगा।
– देशी मदिरा ग्रेन ईएनए आधारित 42.8 फीसद होगी। कांच के साथ ट्रेटा और एसेप्टिक ब्रिक पैक कर सकेंगे।
– प्रीमियम, उससे ऊपर श्रेणी की विदेशी मदिरा की बिक्री 60 एवं 90 एमएल की शीशे के अलावा सिरोंग पैक में भी।
– बार लाइसेंस एवं माइक्रो ब्रिवरी का लाइसेंस एक साथ लेने पर एक लाख की छूट पहले वर्ष में दी जाएगी।
– कांच की बोतलों और एल्युमिनियम कैन में ही वाइन की आपूर्ति होगी। इसकी शेल्फ लाइफ 9 माह होगी।
– तीन हजार रुपये से अधिक वाले भारत निर्मित विदेशी मदिरा के स्कॉच एवं सिंगल मॉल्ट को प्रोत्साहित किया जाएगा।
– पुलिस अथवा किसी अन्य संस्था के द्वारा किसी भी फुटकर मदिरा, भांग आदि दुकान को बंद या सील नहीं किया जा सकेगा।
– डिस्टलरी, बीयर फैक्ट्री और वाइनरी में पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे। डिस्टलरी को 50 हजार, बीयर फैक्ट्री को 25 हजार शुल्क देना होगा।
– देश में निर्मित वाइन, जिसमें अन्य प्रकार की वाइन के अलावा साइडर और पेरी भी शामिल माने जाएंगे, पर आयात शुल्क निर्धारित।