शेर मुहम्मद
सफल समाचार
सलेमपुर। नौ वर्ष पहले एक करोड़ 71 लाख 96 हजार की लागत से बना राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खंडहर हो गया। अब अपने उद्धार के लिए एक बार फिर धन का इंतजार कर रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक के देखरेख में नौ वर्ष पहले कार्यदायी संस्था पैक्सफेड ने भवन का निर्माण कराया था। वर्तमान में यह खंडहर हालात में पहुंच चुका है। भवन के पिछले हिस्से जर्जर हो गए हैं। भवन के आगे छप्पर डालकर कब्जा कर लिया गया है। कॉलेज नगर के संस्कृत पाठशाला के भवन में संचालित हो रहा है।
वर्ष 1989 में सलेमपुर को दसवीं तक की बेटियों की पढ़ाई के लिए शासन से राजकीय कन्या इंटर कॉलेज मिला। जगह के अभाव में उस वक्त कॉलेज का अपना निजी भवन नहीं बन सका। लेकिन नगर के भरौली वार्ड में एक किराए के मकान में पठन-पाठन का कार्य आठ सौ चौहतर रुपये के किराया पर शुरू हुआ। लगातार 14 वर्ष किराए के मकान में रहने के बाद कॉलेज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अहिरौली लाला में चलने लगा।
वर्ष 2009 में इसे इंटरमीडिएट की मान्यता मिल गई और उसी वर्ष ग्राम पंचायत बरसीपार में खाली पड़ी ग्राम सभा की जमीन को तत्कालीन ग्राम प्रधान ने बैठक कर राजकीय कन्या इंटर कॉलेज के नाम से कर शासन को पत्र भेज दिया। भूमि मिलने के बाद शासन ने टेंडर कर भवन बनाने के लिए एक करोड़ 71 लाख 96 हजार जिला विद्यालय निरीक्षक की देखरेख में कार्यदायी संस्था पैक्सफेड को अनुमोदित किया गया। इसी बीच वर्ष 2012 में नगर के संस्कृत पाठशाला में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज को स्थापित किया गया। इसके बाद से आज भी वही संचालित हो रहा है।
एक करोड़ 71 लाख 96 हजार की लागत से बना सरकारी भवन हैंडओवर नहीं होने से पहले जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। भवन क बाहर चारों तरफ घास-फूस जमा है। कुछ लोगों ने भवन के आगे छप्पर डालकर कब्जा कर लिया है। लेकिन इसपर किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ रही है। प्रधानाचार्य ममता यादव ने बताया कि भवन अभी कार्यदायी संस्था की ओर से विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है। इसके चलते कॉलेज संस्कृत पाठशाला में संचालित हो रहा है।