शेर मोहम्मद
सफल समाचार देवरिया
मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर धांधली, कार्य के पहले ही हुआ भुगतान
योगी 2 की सरकार भ्रष्टाचार को लेकर एक तरफ जहां जीरो टॉलरेंस की बात करती है वही उनके मातहत अधिकारी सरकार के इस नीति को ठेंगा दिखा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुट गए हैं इस लूट में सरकारी मशीनरी के अलावे जनता के प्रतिनिधि भी बराबर के हिस्सेदार हैं।
रोजगार की गारंटी देने वाली अति महात्वाकांक्षी योजना मनरेगा देवरिया जनपद के विकास खण्ड देसही देवरिया में धाराशाही हो गई हैं। बताते चलें कि मनरेगा योजना उन मजदूरों की योजना है जो रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों में पलायन करने पर मजबूर रहते हैं लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर रह गई है।
मामला विकास खण्ड देसही देवरिया के नौतन हथियागढ़ ग्राम पंचायत का है जहां पर चल रहे परियोजनाओं पर मस्टरोल में फर्जी हजारी लगाई जा रही है। गत 9 अक्तूबर 2023 से दिखाए जा रहे दोनों परियोजनाओं में भारी गोलमाल चल रहा है। छठ घाट स्थान से उत्तर नदी बंधा निर्माण कार्य जिसमें साफ तौर से देखा जा सकता है कि वहां जो मिट्टी गिराई गई है वह जेसीबी से खुदाई कराई गई है व ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से मिट्टी कार्य कराया जा रहा है, और तो और मस्टरोल में जिन मजदूरों की हाजिरी लगी है वह मजदूर मौके पर मौजूद नहीं हैं। दूसरी परियोजना सहोदर पट्टी सिवान से शमशान घाट तक बंधा निर्माण कार्य जिसमें इन दोनो साइडो पर 72 मजदूरों की मस्टरोल में हाजिरी लगी हुई है।
जीरो ग्राउंड रिपोर्ट की बात की जाए तो ग्राम पंचायत में छठ माता स्थान के उत्तर नदी बांध निर्माण कार्य आईडी नंबर 958486255824425313 हैं जो 9 अक्टूबर से प्रारंभ हुई है, जिसमें 22 अक्टूबर तक 6 सेंट में मस्टररोल जारी था। 51 मजदूर प्रतिदिन काम पर थे जिसका भुगतान भी हो चुका है। दूसरा सप्ताह 23 अक्टूबर से 5 नवंबर तक 6 सेट में मस्टररोल में 51 मजदूर प्रतिदिन काम पर दिखाए गए हैं। तीसरा सप्ताह 22 नवंबर से 5 दिसंबर तक 5 सेट मस्टररोल में 47 मजदूर काम पर दिखाए गए हैं। चौथा सप्ताह 6 दिसंबर से 19 दिसंबर तक 5 सेट मस्टररोल में 46 मजदूर काम पर दिखाए गए हैं जबकि वर्तमान में 28 दिसंबर से 1 जनवरी 2024 तक 6 सेट मस्टररोल में 51 मजदूर प्रतिदिन काम पर दिखाए जा रहे हैं।
दूसरी परियोजना सहोदर पट्टी सिवान से शमशान घाट तक नदी का तटबंध निर्माण कार्य आईडी नंबर 958486255824425310 है। यह परियोजना भी गत 9 अक्टूबर से प्रारंभ हुई है। 22 अक्टूबर तक 6 सेट मस्टरोल में 53 मजदूर प्रतिदिन काम पर दिखाए गए हैं जिसका भुगतान भी हो चुका है। दूसरे सप्ताह 23 अक्टूबर से 5 नवंबर तक 6 सेट मस्टररोल में 53 मजदूर काम पर दिखाए गए हैं। तीसरे सप्ताह में 6 दिसंबर से 19 दिसंबर तक 5 सेट मस्टररोल 48 मजदूर काम पर दिखाए गए हैं। वर्तमान में यह परियोजना 28
दिसंबर से 10 जनवरी 2024 तक जारी है।
सबसे खास बात तो यह है कि चल रहे इस कार्य को छिपाने के लिए मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए घर बैठे बैठे जियो टैग कर दिया। मौक़े पर सी आई बी यानी डिस्प्ले बोर्ड भी नहीं लगाया गया। या यूं कह लें कि ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंक कर मस्टरोल में फर्जी हाजिरी लगा कर बिना कार्य कराए लाखों का भुगतान करा कर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर बंदरबाट किया गया है। यदि निष्पक्ष जांच हो जाए तो कईयों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे और मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकेगा।
इस संबंध में बीडीओ देसही देवरिया से दूरभाष पर जानकारी ली गई तो उन्होंने गोल गोल जवाब देते हुए कहा कि इस मामले को दिखवाता हूं और आगे कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।