वाहन चालक कानून के विरोध में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी माकपा ने सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

वाहन चालक कानून के विरोध में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी माकपा ने सौंपा ज्ञापन

विधिक राय लिए बगैर बनाए गए कानून को लेकर राष्ट्रपति नामित सौंपा ज्ञापन

सोनभद्र । रॉबर्ट्सगंज : विधिक राय लिए बगैर केंद्र की सरकार द्वारा बने चालक विरोधी कानून को वापस लेने और संशोधन करने के संबंध में राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह को ज्ञापन दिया। जिला मंत्री नंदलाल आर्य ने बताया कि भारत की केंद्र सरकार द्वारा लाई गई भारतीय न्याय संगीता की धारा 106 (2) के तहत वाहन चालकों को 10 साल की सजा व जुर्माना देने की प्रावधान के खिलाफ चालकों द्वारा किया गया राष्ट्रीय हड़ताल का भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) माकपा , जनपद सोनभद्र जिला कमेटी समर्थन किया है भारत सरकार की गलत नीतियों का निन्दा करते हैं कारण चालकों की हड़ताल से नागरिकों को बहुत बड़े परेशानी से गुजरना पड़ा जिस तरह से केंद्र सरकार संसद में विपक्ष को बेदखल कर और बिना संस्थाओं से विधिक राय लिए देश के ऊपर भारतीय न्याय संगीता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को हिटलर शाही के तरीके के साथ थोपा है उसी का परिणाम स्वरूप चालकों को राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य किया।जबकि भारतीय न्याय संगीता की धारा 106 में दुर्घटना का वर्गीकरण नहीं किया गया है और ड्राइवर की लापरवाही या गलती की प्रकृति भी निश्चित नहीं किया गया है ऐसे में हर दुर्घटना में ड्राइवर को 10 साल का प्राविधान गलत है। ऐसे में हर दुर्घटना में ड्राइवर को दस साल की सजा हो जाएगी तो ड्राइवर को काम करना मुश्किल हो सकता है वैसे भी ड्राइवर को उनके मेहनत और श्रम के हिसाब से वेतन नहीं मिलता है इसलिए हमारी पार्टी माकपा केंद्र की सरकार को भारतीय न्याय संगीता की धारा 106 (2) में संशोधन कर चालकों की मांग को पूरा करते हुए वे शर्त बिना किसी हिला हवाला के इस कानून को वापस लिया जाए। इस कानून को ला कर गाड़ी मालिकों और बीमा कंपनियों का फायदा करते हुए सरकार ड्राइवर के साथ इंसाफ नहीं किया है सरकार कैसे मान लिया की ड्राइवर जानबूझकर किसी का दुर्घटना करते हैं इस प्रकार से कानून को ला करके गरीब बेरोजगार ड्राइवरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और पूजी पतियों तथा बीमा कंपनियों का सुरक्षा किया गया है। वैसे चालकों के हड़ताल और जनप्रतिनिधियों तथा राजनैतिक दलों के समर्थन से सरकार डर गई है और बड़ी चालाकी से आश्वासन देकर हड़ताल को खत्म कराया लेकिन सरकार की नियत और मंशा ठीक नहीं है सरकार अपने वायदे से मुकरने में माहिर है अगर सरकार इस चालक विरोधी हिट एंड रन पर बने कानून को संशोधन नहीं करती है तो चालकों के हर संघर्ष के साथ माकपा खड़ी है।

  

  

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