मणिराम छावनी रामजन्मभूमि अयोध्या में 17 जनवरी से विराट रूद्र महायज्ञ शुरू

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

मणिराम छावनी रामजन्मभूमि अयोध्या में 17 जनवरी से विराट रूद्र महायज्ञ शुरू

– निकली कलश यात्रा,सरजू नदी नया घाट से कलश में जल भरकर यज्ञ मंडप में की गई स्थापना

– पर्यावरण संरक्षण हेतु यज्ञ में जड़ी बूटियों से बनी हवन सामग्री से दी जा रही आहुति 

– 25 जनवरी को 11 आदिवासी कन्याओं की शादी के साथ होगा यज्ञ का समापन

– भंडारा में श्रद्धालु कर रहे प्रसाद ग्रहण

फोटो: अयोध्या मणिराम छावनी के महंत कमल नयन दास जी महाराज के साथ सोनभद्र के भिखारी बाबा।

सोनभद्र। अयोध्या में सोनभद्र के भिखारी बाबा द्वारा आयोजित नौ दिवसीय विराट रूद्र महायज्ञ 17 जनवरी से कलश यात्रा के बाद यज्ञ मंडप में कलश स्थापना के साथ ही शुरू हो गई । पर्यावरण संरक्षण हेतु जड़ी बूटियों से बनी हवन सामग्री से यज्ञ में आहुति दी जा रही है। यज्ञ का समापन 25 जनवरी को 11 आदिवासी कन्याओं की शादी के साथ होगा।भंडारा में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।कार्यक्रम के आयोजक/ संयोजक भिक्षुक भिखारी जंगली दास दीनबंधु रमाशंकर गिरी जी महाराज ने बताया कि मणिराम छावनी रामजन्मभूमि अयोध्या के महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज एवं महंत कमल नयन दास जी महाराज के आशीर्वाद से नौ दिवसीय विराट रूद्र महायज्ञ एवं 11 आदिवासी गरीब कन्याओं का शुभ विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 17 जनवरी को कलश यात्रा अयोध्या मणिराम छावनी धर्म मंडप से सोनभद्र के आदिवासी कलाकारों द्वारा करमा नृत्य करते हुए चलकर सरजू नदी नया घाट पहुंचकर पांच कलश में जल भरकर महिलाओं द्वारा यज्ञ मंडप लाया गया। जहां कलश स्थापना व अग्नि मंथन के जरिए अग्नि प्रवेश के साथ ही विराट रूद्र महायज्ञ शुरू हो गई। आचार्यगण गोपाल धर द्विवेदी ,राधेकृष्ण तिवारी, हरीओम धर द्विवेदी, राजेश तिवारी, योगेश तिवारी, रेवती तिवारी एवं राजेश कुमार पाठक द्वारा विराट रूद्र महायज्ञ एवं अन्य कार्यक्रम संपन्न कराया जा रहा है। मुख्य यजमान राजेश कुमार पाठक व धर्मपत्नी सुशीला पाठक, बिरजू दास व धर्मपत्नी आशा देवी, वासु त्यागी, वेद व्यास की धर्मपत्नी बिंदु, रामकृपाल व धर्मपत्नी चिरौजी के साथ अन्य यजमानों द्वारा जड़ी बूटियों से बनी हवन सामग्री से पर्यावरण संरक्षण हेतु यज्ञ में आहुति दी जा रही है। श्रद्धालु भंडारा में प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 11 आदिवासी गरीब कन्याओं की शादी अंतिम दिन 25 जनवरी को होगी और उसी के साथ यज्ञ का समापन होगा। कलश यात्रा और यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने वालों में कालो देवी, राम खेलावन, श्याम बिहारी, प्रहलाद, रामवृक्ष, हरिचंद, प्रभु नारायण, भुनेश्वर, राजेंद्र, शेरू, अभय, अयोध्या, रामप्यारे, योगेश आदि शामिल रहे।

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