ओबरा ताप विद्युत परियोजना के तत्वाधान में हर्षोल्लास वातावरण में मनाया गया 75वां गणतंत्र दिवस

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह 

ओबरा ताप विद्युत परियोजना के तत्वाधान में हर्षोल्लास वातावरण में मनाया गया 75वां गणतंत्र दिवस

ओबरा (सोनभद्र)। ओबरा ताप विद्युत परियोजना ओबरा के संकुल में स्थित गांधी मैदान में 75वॉं गणतन्त्र दिवस भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश का अनुपालन करते हुए, उत्साह एवं हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबन्धक इं0 राधे मोहन ने उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार प्रातः 08.30 बजे ध्वजारोहण कर एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम लोग 75वां गणतन्त्र दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं।एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए श्री राधे मोहन ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। अपने भाषण को शुरू करते हुए उन्होंने बताया कि इस संविधान में जिस राज्य व्यवस्था को संजोया गया उसमें लोकतंत्र, समता, पंथनिरपेक्षता और विधि के शासन को महत्ता दी गयी तथा समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के लिए योजनाबद्व विकास पर बल दिया गया। यह संविधान आज ही के दिन सन् 1950 को लागू हुआ तथा इसी के साथ हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य बना।गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर, हमें यह समझना चाहिए कि हमारी जिम्मेदारी यह है कि हम अपने ऊर्जा संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें और उन्हें सुरक्षित रखें। हमारा उद्देश्य है कि हम न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति को बनाए रखें। आप सभी को पता है कि ऊर्जा का महत्व बहुत अधिक है, और हमारे तापीय परियोजना का योगदान इसी संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हम यहां नवाचार और प्रौद्योगिकी के साथ काम कर रहे हैं ताकि हम न केवल ऊर्जा उत्पादन में माहिर हो, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भी देश को सबसे उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर सकें।आजकल के परिवेश में कई समस्याएं विद्यमान हैं जो हम सभी को गहरे विचार करने पर मजबूर कर रही हैं। इसमें प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और वन्यजीव संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं। हमारी तापीय परियोजनाओं का संचालन करने के दौरान, हमें इन समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाने होंगे।विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना एक अग्रणी परियोजना रही है। ओबरा ‘ब’ परियोजना की 200मे0वा0 क्षमता की पॉंचों इकाईयॉ काफी पुरानी हो चुकी है फिर भी इनसे सस्ती एवं अधिक से अधिक विद्युत उत्पादन हेतु अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार प्रयासरत् हैं। वर्ष 1977 से परिचालनरत् भारत की प्रथम 200 मे0वा0 होने का गौरव प्राप्त इकाई सं0 11 के साथ-साथ वर्तमान में ओबरा ‘ब’ परियोजना की चार इकाइयों से निर्बाध विद्युत उत्पादन हो रहा है, जबकि ओवरहालिंग हेतु बन्द इकाई सं0 9 को आगामी दो सप्ताह में परिचालनरत् कर लिया जायेगा। साथ ही इकाई सं0 12 को 01.02.2024 से ओवरहालिंग में लिया जाना प्रस्तावित है। इकाई सं0 09 एवं 12 के ओवरहालिंग कार्य पूर्ण कर परिचालित किये जाने पर ‘ब’ ताप विद्युत गृह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्राप्त होने लगेगा।ओबरा में 2×660 मे0वा0 के ओबरा ‘सी‘ का निर्माण कार्य 22 दिसम्बर 2016 को शुरू हुआ था, तब से निर्माण कार्य चल रहा है, जो कोरोना महामारी के दौरान विषम परिस्थितियों में भी चलता रहा है।

ओबरा ‘सी‘ की प्रथम इकाई, दिनांक 26.12.2023 के अपराह्न 02.01 बजे पूर्ण लोड पर चला ली गयी है तथा ओबरा ‘सी’ की दूसरी इकाई को भी वर्ष 2024 के मध्य तक उत्पादनरत् कर लिये जाने का लक्ष्य है। इन इकाइयों के परिचालनरत् होने के उपरान्त ओबरा परियोजना द्वारा प्रदेश को 1320मे0वा0 अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।इसके अतिरिक्त 2×800 मे0वा0 की ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना के लिए भी शासन स्तर से त्वरित कार्यवाही की जा रही है तथा धरातल पर शीघ्र ही कार्य की प्रगति परिलक्षित होने लगेगी। किसी भी परियोजना के निर्माण के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भूमि की उपलब्धता होती है और ओबरा ‘डी’ परियोजना परियोजना के लिए ओबरा कालोनी के कई सेक्टरों का ध्वस्तीकरण किया जाना है। इस प्रक्रिया में सभी का सहयोग अपेक्षित हैेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे, जिससे जल्द से जल्द ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना हो सके तथा ओबरा परियोजना विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में पुनः अपने स्वर्णिम इतिहास को दोहरा सके।विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना सदैव एक अग्रणी परियोजना रही है इसलिए अधिकाधिक विद्युत उत्पादन की जिम्मेदारी भी हमारे ऊपर है। उपरोक्त वर्णित इकाईयों के परिचालनरत हो जाने के उपरान्त ओबरा परियोजना पुनः देश में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन करने वाली इकाइयों में से एक हो जायेगी। ओबरा तापीय परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का समर्पण, कुशलता और विशेषता पर हमें गर्व है।समारोह में मुख्य अभियन्तागण इं0 वाई0के0 गुप्ता, इं0 जबर सिंह, इं0 एस0के0 सिंघल, सीआईएसएफ कमाण्डेट श्री एच0एस0शर्मा तथा अधीक्षण अभियन्तागण इं0 ए0के0 राय, इं0 समीर भटनागर, इं0 एच0के0 गुप्ता, इं0 ए0के0पाण्डेय, इं0 मणि शंकर राय, इं0 डी0 के0 सिंह, इं0 अच्युतेश कुमार, इं0 नेमीचन्द, इं0 राकेश कुमार सिंह, एवं उप महाप्रबन्धक (लेखा) श्री अखिलेश त्रिपाठी, सी0एम0ओ0 डा0 ए0के0गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता इं0 संजय महतो तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी यथा श्री अंकित कुमार, श्री विशाल प्रसाद, श्री धनंजय शुक्ला, श्री धनंजय सिंह आदि उपस्थित थे।

 

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