कुशीनगर: दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में एक को 20 साल की सजा, साक्ष्य के अभाव में दो बरी

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

प्रवीण शाही

सफल समाचार कुशीनगर

कुशीनगर: दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में एक को 20 साल की सजा, साक्ष्य के अभाव में दो बरी

पडरौना। सेवरही थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा को स्कूल जाते समय युवक बहला-फुसलाकर करीब दस साल पहले भगा ले जाने का पुलिस ने केस दर्ज किया था। कुछ दिन बाद छात्रा मिल गई थी।

उसके बयान के आधार पर दो युवकों का नाम दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट के मुकदमे में शामिल किया गया था। सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट मोहम्मद राशिद की अदालत ने एक आरोपी को 20 साल की साजा सुनाई। दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए।

स्कूल पढ़ने गई किशोरी शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने 22 जनवरी वर्ष 2014 को उसके लापता होने का केस दर्ज कराया। छात्रा को ढूढ़ निकालनने के बाद पुलिस ने बहला-फुसलाकर भगाने वाले आरोपी अफसर, हतरत अंसारी और प्रमोद गुप्ता पर रेप और पाक्सो का केस दर्ज किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसकी सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने साक्ष्य व पीड़िता के बयान के आधार पर अफसर को दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा और 28,000 अर्थ दंड लगाया। वहीं, आरोपी प्रमोद गुप्ता और हज़रत अंसारी

और प्रमोद गुप्ता पर रेप और पाक्सो का केस दर्ज किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसकी सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने साक्ष्य व पीड़िता के बयान के आधार पर अफसर को दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा और 28,000 अर्थ दंड लगाया। वहीं, आरोपी प्रमोद गुप्ता और हज़रत अंसारी को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ़ से विशेष शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार तिवारी ने पैरवी की।

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