देवरिया: चार करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं ठीक हो सकी पुल के कांपने की बीमारी

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

अनुग्रह परासर

सफल समाचार देवरिया

देवरिया: चार करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं ठीक हो सकी पुल के कांपने की बीमारी

-26 दिसम्बर 2001 को भागलपुर के पुल का तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था लोकार्पण

-10 साल बाद पुल की ज्वाइंट में पड़ीं दरारें, मरम्मत के बाद भी सुधार नहीं, भारी वाहन पर है रोक

भागलपुर। चार करोड़ खर्च होने के बाद भी भागलपुर पुल की कांपने की बीमारी ठीक नहीं हो सकी है। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद सेतु निगम ने भारी वाहनों को चलाकर परीक्षण किया। उसके बाद भारी वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। अब पुल से केवल हल्के वाहनों की आवाजाही हो रही है।

भागलपुर में सरयू नदी पर बना पुल बिहार और पूर्वांचल को मध्य भारत से जोड़ता है। इस पुल का शिलान्यास 1987 में हुआ था। 14 साल बाद 2001 में पुल बन कर तैयार हुआ। पुल का शुभारंभ दिसंबर 2001 में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। उद्घाटन के दस साल बाद पुल के ज्वाइंट में दरारें आ गईं। सेतु निगम ने मरम्मत कराई, लेकिन तीन साल बाद पुल दोबारा क्षतिग्रस्त हो गया। महीनों तक आवागमन बंद करके फिर मरम्मत की गई। सात साल बाद वर्ष 2021 में पुल फिर क्षतिग्रस्त हो गया।

सेतु निगम के अधिकारियों ने चार करोड़ रुपये की लागत से मुंबई की कंपनी से मरम्मत कार्य शुरू कराया। आठ माह बाद भारी वाहनों का आवागमन शुरू हुआ, लेकिन कुछ दिन बाद ही पुल के छठवें और सातवें पाये के ज्वाइंट की दरार एक फीट तक बढ़ गई। इसके बाद पुल से वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया। फिर पुल विशेषज्ञ बीके रैना को बुलाया गया। रैना ने भारी वाहनों का आवागमन बंद कर छोटे वाहनों का आवागमन शुरू कराया।

 

सेतु निगम ने मरम्मत के बाद दिसंबर में भारी वाहनों को चला कर परीक्षण किया। इसमें पुल की हालत जस की तस मिली। इसके बाद भारी वाहनों के लिए फिर से रोक लगा दी गई। सात फीट की ऊंचाई पर लगे हाइट गेट बैरियर को खोल दिया गया। जबकि नौ फीट की ऊंचाई पर लगा हाइट गेट बैरियर अब भी लगा है। भारी वाहनों के न चलने से इस इलाके में विकास ठप हो गया है। जबकि यह बलिया व देवरिया जिले के साथ-साथ सलेमपुर संसदीय क्षेत्र को जोड़ता है।

 

पुल की स्थिति को देखते हुए भारी वाहनों के आवागमन पर लगाई रोक

सेतु निगम के सहायक परियोजना प्रबंधक आरपी गौड़ ने बताया कि पुल पर भारी वाहन चलाकर परीक्षण किया गया है । पुल की स्थिति को देखते हुए भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई है। केवल हल्के वाहनों का आवागमन जारी रहेगा।

 

स्पीकअप-

हमारी बस बलिया से सिलीगुड़ी तक चलती है। पुल पर बैरियर लग जाने के चलते अब यात्री भागलपुर पुल पार कर कार बाइक ई-रिक्शा से आते हैं। कुछ यात्रियों को साधन नहीं मिलता है तो पैदल पुल पार कर जाते हैं।

-नीरज जायसवाल, बस चालक

 

पुल से भारी वाहनों के बंद हो जाने से हम लोगों का कारोबार मंदा हो गया है। सामान भी महंगा हो गया है। इस पार से उस पार तक जाने में खर्चा बढ़ गया है।

-मनोज चौरसिया, व्यवसायी हनुमान चौराहा, भागलपुर

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