सदर एसडीएम के खिलाफ लामबंद हुए तहसील के अधिवक्ता सदर तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंगर्तत खतौनी में होने वाली छोटी-छोटी त्रृटियों का त्वरित निस्तारण नहीं करने तथा वादकारियों को बार-बार दौड़ाने के खिलाफ परिसर में एसडीएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

अनुग्रह परासर

सफल समाचार देवरिया

सदर एसडीएम के खिलाफ लामबंद हुए तहसील के अधिवक्ता

सदर तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंगर्तत खतौनी में होने वाली छोटी-छोटी त्रृटियों का त्वरित निस्तारण नहीं करने तथा वादकारियों को बार-बार दौड़ाने के खिलाफ परिसर में एसडीएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने छोटी-छोटी कमियों को दूर करने को 6 से 10 महीने तक दौड़ाने का आरोप लगाया।

शनिवार को सदर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष युगुल किशोर तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने पोर्टल पर धारा 31-32 व 32-38 में दुरूस्ती का अधिकार संबंधित उप जिलाधिकारी को मिलने के बाद से राजस्व के छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण करने में विलंब पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा वादकारियों को 6 से 10 महीने तक दौड़ाया जा रहा है, जिससे उन्हे आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे अवैध धन वसूली को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

खास पत्रावली को त्वरित निस्तारण तथा अन्य में जान बूझकर विलंब करने से अधिकारियों, कर्मचारियों की मंशा पर सवाल उठने लगा है। 30 जनवरी को ज्ञापन देकर शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की गयी, लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और वादकारी परेशान हैं। इन मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में प्रदर्शन व नारेबाजी किया।

 

इसमें कमल मणि त्रिपाठी, कमलेश साहनी, कन्हैया मिश्र, अजय श्रीवास्तव, राकेश कुमार शाही, अशोक श्रीवास्तव, ठाकुर गुप्ता, राजीव त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र, विजय सेन यादव, राधेश्याम पटेल, युसुफॅ, बृजेश मिश्र, रमाशंकर मिश्र, राशरण यादव, राजेश सिंह, सामंत मिश्र, रामजी प्रजापति, राघव पाण्डेय, शिव कुमार, राम ईश्वर, प्रमोद मणि, गिरीश नरायन आदि शामिल रहे।

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