बढ़ती मंहगाई बेरोजगारी ,घटते वेतन तथा केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी , किसान विरोधी,जन विरोधी नितियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों व संयुक्त किसान मोर्चा के अखिल भारतीय भारत बंद के आवाहन पर जिला कलेक्ट्रेट में किया गया धरना प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

बढ़ती मंहगाई बेरोजगारी , घटते वेतन तथा केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी , किसान विरोधी,जन विरोधी नितियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों व संयुक्त किसान मोर्चा के अखिल भारतीय भारत बंद के आवाहन पर जिला कलेक्ट्रेट में किया गया धरना प्रदर्शन

वाम पंथी दलों ने  24 सूत्रीय मांग पत्र सौंप जताया विरोध 

रॉबर्ट्सगंज सोनभद्र : आज देश के मजदूर किसानों देश में संपदा पैदा करने वाले मेहनतकश के अधिकारों पर हमला बहुत तेजी से बढ़ रहा है मजदूर और किसानों के लगातार विरोध के बावजूद केंद्र सरकार पूरी हठधर्मिता के साथ पिछले 10 वर्षों में बड़े मालिकों के एजेंडों के साथ आगे बढ़ रही है जनता के धन से बने सार्वजनिक संस्थानो का निजीकरण किया जा रहा है स्थाई रोजगार देने वाले क्षेत्र हवाई अड्डों राजमार्ग रेलवे बैंक आयुध फैक्टरियों एलआईसी जीआईसी आदि को पूंजी पतियों के हवाले करने की नीति ने नौजवानों के स्थाई रोजगार पाने के सपनों को तोड़ दिया है जो नौजवान देश को आगे बढ़ाने में अपनी बौद्धिक और शारीरिक श्रम का योगदान देना चाहते हैं उनकी सभी उम्मीदों को खत्म करते हुए  प्रधानमंत्री पकौड़े तलने का सुझाव दे रहे हैं। सभी के लिए स्थाई सम्मानजनक रोजगार देने से सरकार इनकार कर रोजगार देने के काम को देसी विदेशी मुनाफाखोर पूंजी पतियों के रहमों करम पर छोड़ दिया और हायर फायर की नीति अपनाई जा रही है काम करने की हालत बेहद असुरक्षित है कोई सामाजिक सुरक्षा का अधिकार नहीं मिला है 8 से ज्यादा घंटे काम करने के लिए बाधित किया जाता है उत्तर प्रदेश में श्रम कानून का पालन नहीं हो रहा है न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए अभी तक कमेटी गठित नहीं हुई जबकि न्यूनतम मजदूरी 2019 में पुनरक्षित हो जानी चाहिए थी।यही हालत चीनी उद्योग होटल उद्योग व इंजीनियरिंग उद्योगों का है महंगाई के कारण उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा व इलाज पाना दिनों दिन मुश्किल होता जा रहा है और असंगठित क्षेत्र के 94% मेहनतकश घरेलू कामगार रेहड़ी पटरी कामगार सफाई व कूड़ा एकत्रित करने वाले कामगार निर्माण श्रमिक आशा आंगनवाड़ी मिड डे मील वर्कर ई रिक्शा ऑटो चालक तथा परिवहन क्षेत्र के अन्य चालक परिचालक पल्लेदार आदि तमाम कामगारों जो कि देश की तरक्की में अपना महत्वपूर्ण योगदान करते हैं के लिए आजादी के 75 साल बाद भी कोई सुनिश्चित सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है उत्तर प्रदेश में 8 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने ई-श्रम कार्ड में अपना पंजीकरण कराया है।केंद्र सरकार राज्य के संस्थान ईडी सीबीआई व अन्य जांच एजेंटीयों के जरिए राजनैतिक प्रतिद्वंदियों पत्रकारों अल्पसंख्यकों असहमति रखने वालों के खिलाफ काम कर रही है यू ए पी ए जैसे काले कानून लगाकर विरोध की आवाज को कुचल रही है केंद्र व राज्य की सरकार सत्ता में बने रहने के लिए सांप्रदायिक जहर का इस्तेमाल कर लोगों की एकता को तोड़कर बटवारा कर रही है।केंद्र सरकार द्वारा पूंजी पतियों के बैंक कर्जों को माफ करना जारी है पिछले 9 वर्ष में 25.75 लाख करोड रुपए का कर्ज माफ किया गया है कर्ज माफी के चलते सरकारी तिजोरियों में हुई कमी को पूरा करने के लिए मजदूर किसानों व आमजन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष टैक्स चीजों के दाम बढ़ाकर महंगाई ला दी गई है कॉरपोरेट पूंजी पत्तियों को दाल चावल खाद्य तेल चीनी इत्यादि सभी खान-पान की वस्तुओं के व्यापार की इजाजत दे दी है जिससे आम जनता का रोज का जीवन आपन मुश्किल हो गया है।केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण देश में खेती संकट बढ़ता जा रहा है दिल्ली के बॉर्डर पर चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद सरकार द्वारा किए गए वादों को भी पूरा नहीं किया गया लंबे समय से लंबित किसानों की मांग सभी फसलों के लिए गारंटीकृत लागत का डेढ़ गुना दाम को भी सरकार द्वारा लगातार अनदेखा किया जा रहा है मोदी सरकार पीछे के रास्तों से खेती कॉरपोरेट के हाथों में देने के लिए कानून में बदलाव कर रही है किसानों की जमीनों को धन्ना सेठों के हाथों में देने के लिए नियमों को सुगम बना रही है यह नीतियां देश की खेती और किसानों को बर्बादी की ओर ले जा रही है पिछले 10 सालों में लगातार हम मजदूर और किसानों ने लगातार आंदोलन कर आवाज को उठा रहे हैं केंद्र सरकार को लगता है कि वह जनता को धर्म का चश्मा पहनकर उन्माद में धकेल कर एक बार फिर चुनावी सत्ता का बैतरणी पार कर जाएगी ।आजाद हिंदुस्तान की अब तक की सबसे लुटेरी सरकार के खिलाफ मजदूर किसानों का यह बड़ा आंदोलन है इसलिए आज दिनांक 16 फरवरी 2024 को केंद्रीय ट्रेड यूनियन तथा संयुक्त किसान मोर्चे ने देशभर में औद्योगिक क्षेत्रीय हड़ताल तथा ग्रामीण बंद का आवाहन किया है जिसका जनपद सोनभद्र के अंदर सभी वामपंथी दल जिसमें माकपा , भाकपा और माले तथा जनवादी संगठन ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए  राष्ट्रपति  के नाम जिलाधिकारी सोनभद्र को 24 सूत्री मांग पत्र सौंप कर केन्द्र सरकार के ऊपर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।इस अवसर पर वाम दलों के संयुक्त नेतृव में – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) माकपा के जिला मंत्री नंदलाल आर्य व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( भाकपा ) के जिला मंत्री कॉमरेड डॉक्टर आरके शर्मा और भाकपा माले जिला सचिव कॉमरेड सुरेश कोल , कामरेड प्रेमनाथ , महेंद्र सिंह , पुरुषोत्तम , देव कुमार विश्वकर्मा , शंकर कोल, वासवन गुप्ता , चंदन जी , अनंत भारती , राजबली , भरत लाल , हनुमान प्रसाद , वरिष्ठ समाज सेवक माथुर प्रसाद , हीरालाल जी , विमला देवी , बाबूलाल भारती , नोहर भारती , कमली देवी , शाहजहां , मुन्नी देवी , दिनेश राजवाड़ा , ट्रेड यूनियन के सी पी माली जी , नंदलाल यादव इत्यादि सहित सैकड़ो मजदूर , महिला ,नौजवान , संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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