वूमेन हेल्पलाइन 181बंद होने से महिलाएं असुरक्षित 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार  

वूमेन हेल्पलाइन 181बंद होने से महिलाएं असुरक्षित 

●अपर मुख्य सचिव गृह को वर्कर्स फ्रंट में भेजा पत्र

●181 हेल्पलाइन को हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर तत्काल चालू करने की मांग, कर्मचारी हो बहाल 

सोनभद्र।यूपी महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के मामले में देश मे शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। 2020 से लेकर 2022 तक महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में बड़ी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2020 में जहां महिलाओ के विरुद्ध 49385 मामले दर्ज हुएं वहीं 2022 में यह संख्या 65743 हो गई। बलात्कार, अपहरण, हत्या, बलात्कार के बाद हत्या, सामूहिक बलात्कार, पति और रिश्तेदार द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट व उत्पीड़न और दहेज हत्या के मामलों में प्रदेश देश में अव्वल नम्बर पर है। आंकड़े खुद यह कहते हैं कि 181 वूमेन हेल्पलाइन को बंद कर देने से महिलाओं पर होने वाले अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। एनसीआरबी का आंकड़ा बताता है कि 2022 में महिलाओं के ऊपर हुए अपराधों के 66936 केसों को पुलिस ने बिना एफआईआर दर्ज किए अपने स्तर से ही निपटा दिया। 10539 केसों में महिलाओं की दर्ज एफआईआर में सालभर में भी जांच पूरी नहीं हुई और 13097 मामलों में पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किए परिणामस्वरूप अपराधी बच गए। जबकि वूमेन हेल्पलाइन पुलिस से अलग उनके साथ हुई किसी भी घटना में तत्काल कार्रवाई कर उन्हें राहत देने का काम करती थी। यह हेल्पलाइन पुलिस द्वारा नहीं बल्कि महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जा रही थी इसलिए इसकी कार्रवाइयों के कारण पुलिस भी प्रदेश में दबाव में रहती थी। अब इसे बंद करके पुलिस की हेल्पलाइन के मातहत कर दिया गया और इसके कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया। जिससे प्रदेश में महिलाएं बेहद असुरक्षित हो गई है। इसलिए बर्बर निर्भया कांड के बाद बनी जस्टिस जेएस वर्मा कमीशन की रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर बनी भारत सरकार की गाइडलाइन व उत्तर प्रदेश सरकार के प्रोटोकॉल में दी गई व्यवस्था के तहत 181 वूमेन हेल्पलाइन को स्वतंत्र व सार्वभौमिक तरीके से संचालित करना चाहिए और कार्यरत कर्मियों की बहाली एवं बकाया वेतन का तत्काल भुगतान करना चाहिए। यह बातें आज ने हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित प्रति मिलने के बाद वर्कर्स फ्रंट ने अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेंद्र कुमार को भेजे पत्र में कहीं। पत्रक की प्रतिलिपि आवश्यक कार्रवाई हेतु मंत्री महिला कल्याण बेबी रानी मौर्य, प्रमुख सचिव महिला कल्याण और निदेशक महिला कल्याण को भी भेजी गई है।  याचिकाकर्ता और वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि वर्कर्स फ्रंट की जनहित याचिका में कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को सारे पहलुओं पर विचार करते हुए निर्णय लेने के लिए कहा है। इसलिए कोर्ट के आदेश के बाद सरकार से उम्मीद है कि वह इस आदेश का सम्मान करते हुए महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन के लिए 181 वूमेन हेल्पलाइन को स्वतंत्र व सार्वभौमिक रूप से संचालित करेगी और कार्यरत कर्मचारियों को बहाल करेगी।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *