फर्जी ट्विटर आईडी के माध्यम से बदनाम करने का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

फर्जी ट्विटर आईडी के माध्यम से बदनाम करने का लगाया आरोप

 

कसया थानाक्षेत्र के ग्राम छोटी सबयां वीर सावरकर नगर निवासी उमर फारूक छोटे पुत्र मेयाउद्दीन ने थाना प्रभारी कसया को प्रार्थना पत्र देकर एक व्यक्ति पर उसके नाम का ट्विटर आईडी को एडेटिंग कर पोस्ट कर प्रार्थी का नाम बदनाम करने का आरोप लगाते हुए करवाई की मांग की है।

नगर वासी उमर फारूक ने अपने दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि शिवपुर बुजुर्ग नूरी टोला के रहने वाले कसया थाने का हिस्ट्रीशीटर सरवर आलम पुत्र जाकिर हुसैन अपराध संख्या 548/23 धारा 147/323/324/307 का मुल्जिम है करीब करीब नव माह जिला कारागार देवरिया में निरुद्ध था। जिसका 22 क्रिमिनल हिस्ट्रीशीटर है। जेल से छूटने के बाद आये दिन किसी न किसी को फर्जी मुकदमा में फंसाने का संण्यत्र करता रहता है। एक माह पूर्व गोली मारने व चाकू मारने की फर्जी घटना घटित कर 26 लोगों को फर्जी मुकदमा में फंसाने का संण्यत्र किया था। प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच की गई। जिसमें सारा मामिला फर्जी निकला। अभी ये मामला पुलिस प्रशासन के संज्ञान में बना हुआ था कि फिर प्रार्थी को फंसाने की नियत से अपने सहयोगी व मदरसे के बाबू इमामुद्दीन को सस्पेंड कराने व इमामुद्दीन को दुनिया से उठाने की बात प्रार्थी के नाम का ट्विटर आईडी को एडेटिंग कर पोस्ट कर प्रार्थी का नाम बदनाम करने का प्रयास किया। प्रार्थी एक पत्रकार हव्यक्ति है। उक्त व्यक्ति का जेल जाने की खबर प्रार्थी पेपर में प्रकाशित किया था। तथा खबर चलाया था। उसी के प्रतिषोध में उक्त व्यक्ति आये दिन प्रार्थी को बदनाम करने का संण्यत्र करता रहता है। कि ट्वीट के जरिए पुलिस प्रशासन के संज्ञान में ये बात रही तो यदि इमामुद्दीन की हत्या होती है तो पुलिस प्रशासन प्रार्थी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत कर प्रार्थी को डंण्डित कर सकती है। ट्वीट की छाया प्रति प्रार्थी प्रार्थना पत्र के साथ संल्गन कर रहा है। इस लिए प्रार्थी श्रीमान को लिखित तहरीरी देकर औगत कराना चाहता है। कि उक्त व्यक्ति खूंखार अपराधी किस्म का व्यक्ति है। खूद इमामुद्दीन की हत्या कर इल्जाम प्रार्थी पर लगाने का मंसूबा तैयार किया है। यदि इस संबंध में उक्त व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो उक्त व्यक्ति किसी हद तक जा सकता है। प्रार्थी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

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