जन मुद्दों पर भाजपा मौन – आइपीएफ 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

 जन मुद्दों पर भाजपा मौन – आइपीएफ 

● एजेंडा लोकसभा चुनाव 2024 पर घोरावल के गांव में हुई चर्चा 

● आर्थिक संप्रभुता, न्याय और मैत्री भाव को नष्ट कर रही मोदी सरकार 

घोरावल, सोनभद्र।रोजगार, जमीन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विकास, महंगाई, पर्यावरण जैसे प्रमुख जन मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र मौन है। भाजपा का संकल्प मोदी की गारंटी 2024 के घोषणा पत्र में अपनी पीठ खुद थपथपाई गई है और भविष्य की योजनाओं पर बड़ी-बड़ी बातें की गई हैं लेकिन जनता के जीवन के बुनियादी सवालों को हल करने पर कुछ भी नहीं कहा गया है। दरअसल कॉर्पोरेट के मुनाफे के लिए काम कर रही भाजपा की सरकार के पास अब जनता को देने के लिए कुछ नहीं है और वह देश की आर्थिक संप्रभुता, न्याय और मैत्री भाव को नष्ट करने में लगी हुई है। इसीलिए चुनाव में सरकार के पास अपने दस साल के कार्यकाल की कोई उपलब्धि नहीं है और प्रधानमंत्री चुनाव में समाज को विभाजित करने वाली बातें कर रहे हैं। इस नाते भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में हराना हर भारतीय का सबसे बड़ा राजनीतिक दायित्व है। यह बातें ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने घोरावल के विभिन्न गांवों में हुई बैठकों में कही। आईपीएफ की टीम ने घोरावल के परसौना, उभ्भा, परासिया, घुवास कॉलोनी, लोहंडी जैसे तमाम गांवों का दौरा कर वहां बैठकें की। उन्होंने कहा कि ईमानदारी का ढोल पीटने वाली मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बांड के जरिए देश का सबसे बड़ा घोटाला करने का काम किया है। करीब 4 लाख के करोड़ के इस घोटाले में ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर भाजपा ने कम्पनियों से कानूनी फिरौती वसूली करने का काम किया है।  उन्होंने कहा कि आदिवासियों, दलित और गरीबों के वनभूमि पर अधिकार के लिए बनाए गए वनाधिकार कानून को इस सरकार ने विफल कर दिया। आदिवासियों को जमीन देने की सरकार की घोषणा जुमला ही बन कर रह गई। पूरे घोरावल में वनाधिकार में जमीन का आवंटन नहीं हुआ। अब तो मोदी सरकार वन संरक्षण संशोधन अधिनियम लाकर जिन जमीनों पर वनाधिकार में आदिवासियों को अधिकार भी मिला है उसे भी छीन लेने की कोशिश कर रही है। यही नहीं यह भी सूचना मिली है कि सोनभद्र के वन को बड़ी-बड़ी कंपनियों के हवाले करने की योजना सरकार बना रही है। मनरेगा ठप पड़ी हुई है और रोजगार के अभाव में इस इलाके में बड़े पैमाने पर नौजवान काम करने के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं। यहां टमाटर और मिर्च की बड़े पैमाने पर खेती होती है लेकिन उसके लिए उद्योग धंधा लगाने की न्यूनतम मांग को भी सरकार ने पूरा नहीं किया। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल है। इन हालातो को बदलने के लिए जन मुद्दों पर गोलबंदी वक्त की जरूरत है। बैठकों में आइपीएफ के तहसील प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, आदिवासी वनवासी महासभा के तहसील संयोजक सदानंद कोल, राजेंद्र सिंह गोंड, लक्ष्मण कोल, संतलाल बैगा, लाल बहादुर गोंड, नंदलाल कोल, संतराम कोल, मुन्ना आदि लोगों ने अपनी बातें रखी।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *