युवा मंच ने शिक्षा व्यवस्था में दुर्दशा का मुद्दा उठाया

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

युवा मंच ने शिक्षा व्यवस्था में दुर्दशा का मुद्दा उठाया

 युवा मंच ने मुख्यमंत्री के एक्स हैंडल पर किया पोस्ट 

युवा चुनाव में शिक्षा -स्वास्थ्य और रोजगार को बनाएंगे मुद्दा

सोनभद्र।सोनभद्र में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा का मुद्दा उठाया है। पोस्ट में बताया गया कि युवा मंच की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को अनेकों बार पत्र लिखकर अवगत कराया लेकिन हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के भारी संख्या में रिक्त पदों को भी नहीं भरा जा रहा है। युवा मंच द्वारा चुनाव में शिक्षा -स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर संवाद व जनसंपर्क चलाया जा रहा है। जनपद में चल रहे संवाद के दौरान युवा मंच प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने कहा यहां शिक्षा व्यवस्था में दुर्दशा का आलम यह है कि 48 राजकीय स्कूलों में 27 में प्रधानाचार्य के पद अरसे से रिक्त हैं। प्राथमिक विद्यालयों से लेकर सरकारी कालेजों तक शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हुए हैं। जबकि तय मानक से सृजित पद ओबरा जैसे महाविद्यालयों में बेहद कम हैं। तमाम बेसिक स्कूल तो शिक्षा मित्र व अनुदेशक के भरोसे चल रहे हैं। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों की शिक्षा के लिए संवैधानिक प्रावधान है लेकिन यहां इसके लिए एक भी महाविद्यालय नहीं है। आदिवासी समेत गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए कम से कम दो आवासीय महाविद्यालय खोलने के लिए छात्राओं ने आवाज उठाई लेकिन इसे प्रदेश व केंद्र सरकार ने अनसुना कर दिया। पूर्ववर्ती सरकार के स्वीकृत बजट से बभनी ब्लाक के परसा टोला में निर्मित राजकीय महाविद्यालय को भी चालू नहीं किया जा रहा है। इन शैक्षिक संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। तमाम स्कूल जर्जर हैं तो इंटरमीडिएट व महाविद्यालयों में लैब व पुस्तकालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति भर है।युवा मंच जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, ओबरा तहसील संयोजक धनपाल सिंह गोंड, म्योरपुर संयोजक सविता गोंड, चतरा ब्लाक संयोजक विजय गुप्ता, दुद्धी संयोजक हरिनाथ खरवार आदि पदाधिकारियों की अगुवाई में जनपद भर में छात्रों, युवाओं व आम लोगों से संवाद व जनसंपर्क चलाया जा रहा है। 

 

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