सरकारी विभागों में की जा रही भर्ती प्रोपेगैंडा- राजेश सचान (संयोजक युवा मंच)

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

सरकारी विभागों में की जा रही भर्ती प्रोपेगैंडा- राजेश सचान (संयोजक युवा मंच)

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निकाले जा रहे सरकारी विज्ञापनों से युवाओं का उठ चूका है विश्वास – युवा मंच 

सोनभद्र।लोक सभा चुनाव परिणाम के उपरांत समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में सभी रिक्त पदों को तत्काल भरने के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि युवाओं ने लोक सभा चुनाव के पहले प्रदेश में 6 लाख रिक्त पदों पर पारदर्शी भर्ती के सवाल को लेकर अभियान संचालित किया था। जिसकी अनदेखी की गई और सरकार कथित उपलब्धियों के प्रोपेगैंडा में लगी रही जिसका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं था। अभी तक मीडिया रिपोर्टों में 2 लाख रिक्त पदों को भरने की बात कही जा रही है जबकि 6 लाख रिक्त पद हैं। इन दो लाख रिक्त पदों में भी करीब 1.5 लाख पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। इसमें तमाम भर्तियां वर्षों से अधर में लटकी हुई हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब प्रदेश में 6 लाख पद रिक्त हैं तो इन सभी पदों को समयबद्ध भरने के लिए सरकार खाका क्यों पेश नहीं कर रही है।

 प्रदेश में 6 लाख रिक्त पदों के अनुमानित आंकड़े इस प्रकार हैं। 

विधानसभा में सरकार ने जानकारी दी कि परिषदीय विद्यालयों में 1.26 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसके अलावा यह भी जानकारी दी गई कि माध्यमिक विद्यालयों (राजकीय व अशासकीय) में 61 हजार शिक्षकों व अशैक्षणिक संवर्ग में पद रिक्त हैं। पिछले साल राज्यसभा बताया कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1.39 लाख रिक्त पदों को खत्म कर दिया गया है। पुलिस विभाग में भी एक लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं जिसमें 60 हजार पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। बिजली विभाग में 72 हजार सृजित पदों में से 36 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। सिंचाई विभाग में 15 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। परिवहन निगम, जल निगम, नगर निगम, आईटीआई, पालीटेक्निक कालेजों समेत विभिन्न विभागों में तकनीकी संवर्ग में करीब 50 फीसद पद रिक्त हैं। इस तरह तकनीकी संवर्ग में एक लाख से ज्यादा पदों के रिक्त होने का अनुमान है। समूह ‘ग’ के पदों पर भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करता है जिसमें आयोग द्वारा 3 वर्ष पहले जानकारी दी गई थी कि उसके पास 60 हजार पदों का अधियाचन प्राप्त हो चुका है। प्रशासनिक अधिकारियों के भी करीब 20 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा नई खेलकूद नीति के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 46 हजार बीपीएड शिक्षकों व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों के पदों का सृजन किया जाना है। परिषदीय विद्यालयों की तरह ही अन्य विभागों में भी सरकार तमाम पदों को अनुपयोगी बता खत्म कर रही है।पूर्व में भी विधानसभा चुनाव 2022 व 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त भी सरकार द्वारा सभी रिक्त पदों को भरने की घोषणा की गई थी।मैनीफेस्टो में भी वायदा किया गया था लेकिन उल्लेख लायक कुछ भी नहीं किया गया। यही वजह है कि इस बार मुख्यमंत्री की घोषणा पर युवा चाहते हैं कि सरकार विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करे कि विभागों में रिक्त पदों व सृजित पदों ब्यौरा क्या है और इन्हें पारदर्शिता के साथ भरने की सरकार के पास क्या कार्ययोजना है ? लंबित भर्तियों व अन्य रिक्त पदों को समयबद्ध व पारदर्शिता के साथ पूरा करने को लेकर कलैंडर जारी होना चाहिए और युवाओं को आश्वस्त किया जाए कि अब उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा।युवा मंच ने पत्र लिखकर इस संबंध में सरकार से वस्तुस्थिति स्पष्ट करने और 6 लाख रिक्त पदों को समयबद्ध पूरा करने की मांग की है।

 

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