गणेश कुमार
सफल समाचार सोनभद्र
अभी के दौर में रोजगार और राजनीतिक अर्थनीति से उसके संबंध पर युवा मंच ने एक बातचीत शुरू की है जिसके आधार पर हम बड़े जन संवाद और शांतिपूर्ण आंदोलन की तरफ बढ़ सकें।* हमें खुशी है कि छात्रों – युवाओं ने ही नहीं बल्कि समाज के सरोकारी लोगों ने रोजगार जैसे मुद्दों को कैसे सूत्रबद्ध किया जाए और जनता के सभी हिस्सों में ले जाया जाए पर अपने विचार भेजे हैं। अभी तक हमारा मुद्दा लगभग 20 हजार लोगों तक पहुंचा है और इसका विस्तार होता जा रहा है। हमने बातचीत को अंग्रेजी में भी प्रस्तुत किया है ताकि दक्षिण भारत के लोगों तक यह पहुंच सके। यह विचार विमर्श अभी जारी रखने की हमारी योजना है । क्योंकि हम यह नहीं चाहते हैं कि केवल एक छोटा समूह नारों व मुद्दों को सूत्रबद्ध कर जनता के बीच ले जाए। हम एक नये किस्म की सांगठनिक, आंदोलनात्मक, राजनीतिक संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। *रोजगार और सरकारी नौकरी का सवाल हमारे लिए न सिर्फ जीवन मरण से जुड़ा हुआ है बल्कि भारत देश के निर्माण में श्रमशक्ति के बेहतरीन उपयोग से भी जुड़ा हुआ है।* *श्रमशक्ति का विनाश भयावह है। युवाओं का भविष्य चौपट किया जा रहा है। शिक्षा व स्वास्थ्य भी आम आदमी से दूर किया जा रहा है।*
साथियों के अभी तक मिले सुझाव पर हम निम्न मुद्दों को आपके लिए भेज रहे हैं।
बड़े पूंजी घरानों व उच्च धनिकों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाओ
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की गारंटी करो
सरकारी विभागों में खाली पदों को तत्काल भरो
हर व्यक्ति के सम्मानजनक जिंदगी की गारंटी करो
कुछ साथियो ने सुझाव दिया है कि संपत्ति व उत्तराधिकार कर दोनों को लिखना चाहिए। हमें ऐसा लगता है कि संपत्ति पर टैक्स का आशय सभी प्रकार के टैक्स जैसे संपत्ति कर, उत्तराधिकार कर शामिल है। फिर भी साथियो का सुझाव अपेक्षित है।
साथियो की राय है कि अभी इस विचार-विमर्श को और बड़े पैमाने पर ले जाना चाहिए। यह भी आग्रह है कि ज्यादा से ज्यादा साथी अपने सुझावों को भेजें।