गैंग लीडर लालचंद बिंद व सक्रिय गैंग सदस्य मनीलाल बिंद दोषी  2-2 वर्ष की कठोर कैद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

गैंग लीडर लालचंद बिंद व सक्रिय गैंग सदस्य मनीलाल बिंद दोषी  2-2 वर्ष की कठोर कैद

5-5 हजार रूपये अर्थदंड , अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी 

 जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी

सोनभद्र। विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर लालचंद बिंद व सक्रिय गैंग सदस्य मनीलाल बिंद को 2-2 वर्ष की कठोर कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक जटा शंकर प्रसाद ने बीजपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 3 अगस्त 2000 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में था तो पता चला कि लालचंद बिंद पुत्र रामलखन निवासी मुई, थाना हड़िया, जिला इलाहाबाद का एक सक्रिय गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। इसके अलावा गैंग का सक्रिय सदस्य मनीलाल बिंद पुत्र रामलखन निवासी बख्तियारा, थाना हड़िया, जिला इलाहाबाद के साथ अन्य सदस्य शामिल हैं। ये पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक का टायर चोरी करने की योजना बना रहे हैं। इनके विरुद्ध चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट समेत कई मुकदमा विचाराधीन है। लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हेतु कार्य करना इनका एकमात्र कार्य है। यहीं वजह है कि इनके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है। जिसकी वजह से इनका वर्चस्व कायम है। इस तहरीर पर 3 अगस्त 2000 को बीजपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज किया गया था। विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में गैंग लीडर लालचंद बिंद एवं सक्रिय सदस्य मनीलाल बिंद के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर लालचंद बिंद और सक्रिय सदस्य मनीलाल बिंद को 2-2 वर्ष की कठोर कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता गैंगस्टर कोर्ट धनंजय शुक्ला ने बहस की।

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