घर में वृद्धजनों की भूमिका: छोटे बच्चों के पालन-पोषण में महत्वपूर्ण योगदान मनोवैज्ञानिक श्वेता जानसन कि राय

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सुनीता राय 

सफल समाचार गोरखपुर 

घर में वृद्धजनों की भूमिका: छोटे बच्चों के पालन-पोषण में महत्वपूर्ण योगदान

मनोवैज्ञानिक श्वेता जानसन की राय

परिवार में वृद्धजनों की उपस्थिति न केवल घर के माहौल को गरिमामय बनाती है, बल्कि छोटे बच्चों के पालन-पोषण में भी उनका एक अहम योगदान होता है। आधुनिक समाज में जहाँ परिवारों का ढांचा बदल रहा है, वहां भी वृद्धजनों की भूमिका अपरिहार्य है। उनके अनुभव, ज्ञान, और धैर्य बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

वृद्धजनों की अनुभव की धरोहर

 

वृद्धजन अपने जीवन के लंबे अनुभव के साथ परिवार में एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं को करीब से देखा होता है और उनके पास जीवन के कई अनुभव होते हैं जो बच्चों के लिए शिक्षाप्रद हो सकते हैं।

 

 

वृद्धजन बच्चों को पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराते हैं। कहानियों, पारंपरिक गीतों, और रीति-रिवाजों के माध्यम से वे बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ते हैं। यह उन्हें एक मजबूत पहचान और गर्व की भावना देता है।

वृद्धजन अपने धैर्य और सहनशीलता के लिए जाने जाते हैं। वे बच्चों को शांतिपूर्ण और संयमित जीवन का महत्व सिखाते हैं। उनके साथ समय बिताने से बच्चे धैर्य, आदर, और सहानुभूति जैसे गुणों को सीखते हैं।

डॉक्टर श्वेता जॉनसन बताती है वृद्धजन बच्चों को पारिवारिक इतिहास और उनकी विरासत से परिचित कराते हैं। वे अपने अनुभवों और पारिवारिक कहानियों के माध्यम से बच्चों को उनके पूर्वजों के बारे में बताते हैं, जिससे बच्चों में अपने परिवार के प्रति गर्व की भावना उत्पन्न होती है।

 

पालन-पोषण में वृद्धजनों का सक्रिय योगदान

वृद्धजन बच्चों के पालन-पोषण में भी सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। वे माता-पिता की अनुपस्थिति में बच्चों की देखभाल कर सकते हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।

वृद्धजन बच्चों की देखभाल में अधिक संवेदनशील होते हैं। उनका शांत और स्थिर स्वभाव बच्चों के लिए आरामदायक होता है, जिससे बच्चे अपने दादा-दादी या नाना-नानी के साथ सहज महसूस करते हैं

ज्वृद्धजन बच्चों के लिए ज्ञान का स्रोत होते हैं। वे बच्चों को खेल-खेल में जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं, जो बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायक होते हैं।

वृद्धजन बच्चों को वह समय और ध्यान दे सकते हैं, जो व्यस्त माता-पिता हमेशा नहीं दे पाते। उनके पास बच्चों के साथ खेलने, उन्हें कहानियां सुनाने और उनकी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने का समय होता है।वृद्धजन पारिवारिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे घर के कामों में मदद कर सकते हैं और माता-पिता के तनाव को कम कर सकते हैं, जिससे परिवार में सामंजस्य बना रहता है।

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