विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत जनपद में 4 इकाइयों की होगी स्थापना
योजना की प्रति इकाई लागत रुपए 23.60 लाख
योजना अंतर्गत प्रति इकाई 50 प्रतिशत का अनुदान
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा0 रविंद्र प्रसाद ने प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास अनुभाग-2 द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में अवगत कराया है कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत गोवंशीय पशुओं के नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु “मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत जनपद-कुशीनगर में 04
इकाईयों के स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
“*योजना का स्वरूप* मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना को जनपद में संचालित किया जायेगा।परियोजना अन्तर्गत गिर, साहीवाल व थारपारकर स्वदेशी उन्नत नस्ल की 10 गायों की इकाई स्थापित की जायेगी, परियोजना की प्रति इकाई कुल अनुमानित लागत रू0 23.60 लाख होगी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत साहीवाल, गिर एवं थारपारकर नस्ल की गायों का प्रति गाय मूल्य रूपये. एक लाख के आधार पर आगणित है एवं चयनित लाभार्थी द्वारा मिश्रित रूप से गायों का क्रय किया जा सकता है। कैटिल शेड/आधार भूत संरचना का निमार्ण मानकीकृत डिजाइन के अनुरूप किया जायेगा, जिसमें कैटिल शेड के छत के निर्माण में पफ पैनल (Puf Panel) का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। इस पर आने वाला अतिरिक्त व्ययभार लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जायेगा परियोजनान्तर्गत निर्धारित नस्ल से पृथक किसी अन्य नस्ल की गाय को सम्मिलित किए जाने की व्यवस्था नहीं है। यदि किसी परियोजना में निर्धारित नस्ल से पृथक किसी अन्य नस्ल की गाय को सम्मिलित किया जाता है तो ऐसी परियोजना को संतृप्त नहीं माना जायेगा तथा अनुदान अनुमन्य नहीं होगा।
परियोजना अंतर्गत निहित उद्देश्यो / मानकों को पूर्ण करने पर लाभार्थोिं को प्रति इकाई परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम रू0 11.80 लाख की सीमा तक अनुदान 02 समान किश्तों में देय होगा।
वित्त पोषण* इकाई का स्थापना हेतु लाभार्थी अंश, बैंक द्वारा ऋण तथा अनुदान परियोजना लागत का क्रमशः 15 प्रतिशत, 35 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत होगा।
लाभार्थी पात्रता के संबंध में उन्होंने बताया कि लाभार्थी स्थानीय निवासी होना चाहिए। लाभार्थी का आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र होना चाहिए। गौ -पालन अथवा महिष-पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए तथा इसका प्रमाण पत्र सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारी/उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा संबन्धित ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से प्राप्त कर आवेदन पत्र के साथ सलग्न किया जायेगा। इकाई स्थापना हेतु लगभग 0.20 एकड़ (8712 वर्ग फुट) भूमि उपलब्ध हो। इसके अतिरिक्त लगभग 0.80 एकड़ (34848 वर्ग फुट) भूमि चारा उत्पादन हेतु स्वय की अथवा पैतृक साझेदारी अथवा न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबन्ध/किराए नामे पर ली गयी हो तथा भूमि परियोजनान्तर्गत चारा उत्पादन के अनुकूल हो। जल भराव वाली तथा उसर भूमि जो चारा उत्पादन के अनुकूल न हो अनुमन्य नहीं होगी।
पूर्व में संचालित कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइको कामधेनु अथवा नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत संचालित नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना एवं मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-सवर्धन योजना के लाभार्थी इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र नहीं होंगे।
इकाईयो की स्थापना हेतु लाभार्थियो का चयन जनपद स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
अधिक जानकारी एवं आवेदन हेतु अपने निकटतम राजकीय पशुचिकित्सालय में सम्पर्क करे।