गांव-गांव में नियुक्त कई सफाई कर्मी किसकी शह पर नहीं करते सफाई : ब्लाक पडरौना

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर

गांव-गांव में नियुक्त कई सफाई कर्मी किसकी शह पर नहीं करते सफाई : 

 

ज्यादातर सफाई कर्मी अधिकारियों की परिक्रमा करने में ही लगें रहते हैं 

 चर्चा तो यह भी हैं सफाई न करना पड़े इसलिए निश्चित धनराशि हर माह में उचित जगह पर पहुंचाया जाता और बन जाती हैं हाजिरी 

 

पडरौना / कुशीनगर जब अधिकारियों का हाथ सर पर हो और कई कर्मचारियों की हाथ जेबों में हो तो गांव – गांव में सफाई कराने की बातें छोड़ दें आप उनको देखकर आप तय नहीं कर सकते हैं कि इनकी जवाबदेही गांव की साफ-सुथरा करने की हैं यहां तक कि कई सफाई कर्मी अधिकारियों की कुर्सी पर बैठकर आपकों निर्देश भी देते हुए मिलेंगे इसकी शिकायत कई बार  उच्च स्तरीय जिम्मेदारों को दी गई पर कोई असर नहीं  ब्लाक के कई गांवों ध्वस्त सफाई व्यवस्था की शिकायत एडीओ पंचायत ,डीपीआरओ से करतें हुए कहा ! उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों की तरह गांव गांव में भी सफाई हो , उसके तहत गांव साफ सुथरी दिखाई दे उसके तहत ही सफाई कर्मी की नियुक्ति की गयी थी  इसलिए  सफाई कर्मी को नियुक्त किया गया था लेकिन नियुक्ति के समय से ही धांधली शुरू हो गयी थी कई नियुक्त कई सफाई कर्मी महिला या पुरुष अपने एवज में गांव में कम दरें पर मजदूर रखकर सफाई कराने लगें हैं चर्चा हैं कि उसके लिए निश्चित धनराशि प्रधान व अधिकारियों को देते हैं इसलिए भी गांव की सफाई कभी कभार होती हैं! अधिकारी तक नहीं जानते हैं कि कौन गांव में कौन सफाई कर्मी नियुक्त हैं ! ज्यादातर तो सफाई कर्मी ब्लाक से लेकर उच्च अधिकारियों के यहां ही परिक्रमा करने में ही लगें रहते रहें हैं ! यह स्थिति हैं कि यह सफाई कर्मी हैं आप नहीं समझ सकते हैं क्योंकि उनकी धौंस अधिकारियों से ज्यादा रहती हैं ! कई सफाई कर्मी तो उच्च अधिकारियों के घर पर सेवा टहल में लगें रहते हैं अभी पंचायत विभाग के उच्च अधिकारी  के  घर सेवा भाव में कई सफाई कर्मी को होना पड़ रहा हैं ! चर्चा तो यह भी हैं कि आधे दर्जन सफाई कर्मी उनकी व घर के सेवा टहल में लगें रहते हैं ! गांव की सफाई की शिकायत जब की जाती हैं तब सामुहिक रूप से इलाके की सफाई का समय तय होता हैं वह भी कभी-कभी यहीं हाल हर ब्लाक का हैं ! सफाई कर्मी द्वारा न सफाई करने पर दुसरे सफाई कर्मी को भेजकर सफाई करायी जाती हैं वहीं जब सफाई कर्मी कई गांवों में जाते ही नहीं तब कुड़ा घर भी बेकार हैं ! गांव में सफाई व्यवस्था को मुकम्मल करने के लिए सफाई कर्मी की आनलाइन हाजिरी पंचायत भवन प्रधान के समक्ष देना होंगा यह भी नियम बन रहीं लेकिन जब अधिकारी – कई गांव में प्रधान से सांठगांठ हैं तो गांव की सफाई होने से रहीं आप शहरों की तरह गांव में स्वच्छ भारत मिशन का नारा लगाते रहें साफ जगह पर सामुहिक रूप से नेताओं द्वारा झाड़ू लगाते हुए का फोटो सेशन कराते रहें न तो स्वच्छ भारत मिशन की जागरूकता का संदेश जाएगा और न ही गांव में सफाई होगी ! सफाई कर्मी की आन लाइन की हाजिरी पंचायत भवन में कम्प्यूटर में फीड होगी लेकिन तु डाल – डाल तो हम पात-पात ! गांव में सफाई व्यवस्था चरमरा रहेगी !

डीपीआरओ साहब जरा एक बार इन गांवों का भी भ्रमण कर लीजिए

पडरौना ब्लाक के  ग्राम सभा विशवा लाला के राजस्व मठिया जय किशुन मठिया बस्ती पाण्डेय मठिया राम गोविंद में तो  पता ही नहीं चलता कि कोई  सफाई कर्मी नियुक्ति है भी या नहीं 6 माह से ज्यादा दिन हो जाते  नाली की सफाई में

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